किन्ही कारणों से अभी ये ब्लॉग इंग्लिश भाषा में उपलब्ध नहीं है। बहुत जल्द इंग्लिश भाषा में भी उपलब्ध कराने का प्रयास करूँगा।
For some reason this blog is not available in English. I will try to make it available in English soon.
ये पंक्तियाँ मैंने न जाने कहाँ पढ़ीं थीं, मगर मेरे ज़हन में अक्सर ये पंक्तियाँ गूँजती रहती हैं, ये खासकर तब ज्यादा तेज़ गूँजने लगती हैं जब किसी चौराहे पर मैं 4 5 दोस्तों को खड़े होकर गप्पे मारते देखता हूँ और मुझे अपने पुराने दिन याद आ जाते हैं, या तब जब कभी एक आद दिन के लिए अपने शहर जाता हूँ और वहाँ कुछ पुराने दोस्तों से मुलाकात होती है। ऐसे बहुत से मौके आते हैं जब मेरे मन में पंक्तियाँ गूँजती रह जाती हैं और मैं बस इन्हें सुनता रहता हूँ। अपने शहर से लगभग हर एक व्यक्ति को लगाव होता है, मुझे भी है, इस शहर के कोने कोने से में वाकिफ हूँ, और उतना ही ये शहर मुझसे, मुझे अच्छा लगता है इस शहर में बेवजह घूमना, शहर और यहाँ के लोगों को जानना समझना।
इस साल मार्च के महीने में ग्वालियर में एक बेहद ही करीबी दोस्त की शादी में जाना था, नॉएडा से एक दोस्त और था साथ जाने को, प्लान ये था की शादी में सम्मिलित होंगे और उसके अलावा अपना शहर नापेंगे बाइक से। बस इसी प्लान के साथ रात की एक ट्रैन से ग्वालियर के लिए निकल दिए, सुबह 4 बजे के आसपास ट्रैन ने हमें ग्वालियर उतार दिया, ज्यादातर शहर अभी नींद के आगोश में था, कुछ लोग जगे हुए थे जैसे अखबार वाले, चाय की दुकान वाले और टेम्पो, ऑटो वाले। स्टेशन के बाहर की तरफ चल दिए मगर किसी भी ऑटो वाले से बात नहीं की और उसके पीछे कारण था स्टेशन से चाय और पोहा खाकर ही आगे बढ़ेंगे।
चाय और पोहा निपटाकर एक ऑटो करा और दोस्त के घर की तरफ चल दिए, सुबह के 5 बजे थे, अभी सड़क पर सिर्फ वही लोग थे जिनकी मजबूरी थी जिसकी वजह से वो लोग सुबह की प्यारी नींद छोड़कर अपने काम पर चल दिए थे या कुछ वो लोग थे जो रोज़ सुबह व्यायाम को निकलते हैं, या फिर कुछ मेरे जैसे लोग थे जो रात की किसी गाड़ी से किसी और शहर से अपने शहर में आये थे। सड़कें खाली थीं तो ऑटो अगले 15 20 मिनट में हमें अपने गंतव्य पर छोड़कर जा चूका था। दोस्त को फोन लगाया उसने आकर गेट खोला, मिलना जुलना हुआ, उसने हमें चाय के लिए पूछा पर चाय की वजह से , हमने मन कर दिया। अभी दिन निकलने में समय था तो उसने हमारा सामान एक कमरे में रखा और कहा की थोड़ी देर सोलो फिर सुबह चाय नाश्ता कर लेना। मैं और अजीत इतने दिनों बाद अपने शहर सोने के लिए तो नहीं आये थे, मैंने अपने दोस्त को बोला की हमारा सामन रखले और बाइक की चाबी दे और तुम लोग आराम से सो जाओ हम आते हैं एक आद घण्टे में घूम फिर कर। बाइक उठायी और सबसे पहले एक चाय के टपरे पर जाकर चाय पी और फिर सीधे चल दिए पने पुराने ठीये ग्वालियर के किले की तरफ हाज़िर वाली तरफ से। अजीत की सबसे अच्छी बात ये है की वो मेरे साथ किसी भी समय कहीं भी जाने के लिए ये प्रश्न नहीं पूछता की कहाँ जाना है और क्यूँ जाना है, बस चल देता है।
कोटेश्वर महादेव मंदिर
रास्ते में एक जगह रुक कर चाय पी और फिर हजीरा के बाजार से होते हुए कोटेश्वर महादेव के मंदिर की तरफ चल दिए। कोटेश्वर महादेव की गालियाँ मुझे मेरे कॉलेज के दिनों की याद दिलातीं हैं, उस समय मैं प्रत्येक शिवरात्रि वाले दिन सुबह 4 या 5 बजे इन्ही गलिओं से होता हुआ मंदिर जाया करता था, उस समय इन गलिओं में जगह जगह डीजे और लोगों को शरबत, पानी पिलाने के काउंटर लगे रहते थे। आज ये गालियाँ अभी सुनी पड़ी थी, जैसे ही दिन होगा यहाँ अच्छी खासी चहल पहल हो जाएगी। मंदिर के सामने पहुँच कर मैंने बाइक बंद करके रोड के एक तरफ कड़ी करदी, अभी नहाये नहीं थे तो मंदिर जाना थी नहीं लगा तो बहार से ही दंडवत प्रणाम किया और उसके बाद बाइक चालू की और सीधे बढ़ दिए किले के उरवाई गेट की तरफ।
किले की तलहटी में मौजूद जैन मंदिर - ऐसी मान्यता है की यहाँ दुनिया की सबसे ऊँची प्राचीन जैन मूर्तियाँ हैं।
किले की तलहटी में रहने वाले लोग सुबह उठकर किले पर टहलने जाते हैं हमें वो लोग मिलने लगे थे, पत्थर के पहाड़ होने की वजह से किले की तलहटी में अच्छी खासी ठण्ड थी, कुल मिलाकर बेहद खुशनुमा माहौल था। हमारे पास जो बाइक थी वो काफी पुरानी थी तो उसके प्राण पखेरू उड़ते उड़ते बचे किले की कड़ी चढाई चढ़ने में, खैर ऊपर तक पहुँच गए और बाइक सीधे लगाई अपने पुराने अड्डे पर, ये वो जगह हैं जहाँ से ग्वालियर का आधा हिस्सा दिखाई देता है। अभी हल्का सा अँधेरा था और माहौल में हलकी सी ठंडक भी थी, बाइक लगाने के बाद हम लोग किले की दीवार के पास बनी सीढ़ियों से होते हुए दीवार पर पहुँच गए और वहाँ बने एक चबूतरे पर बैठ गए, यहाँ से हमें रात के अँधेरे से सुबह के उजाले की तरफ जाता हुआ शहर देखना था।
तरह तरह की रोशनिओं में दिखता शहर।
धीरे धीरे घरों की लाइट बंद हो रहीं थीं तो सूरज की लालिमा दिखने लगी थी, ये कुछ वैसा नज़ारा था जैसे कोई टाइम लैप्स वीडियो देख रहे हों और कुछ देर बाद मंदिरों से सुबह की आरती में बजने वाली घण्टियों और शंख की ध्वनि से माहौल गुंजित होने लगा था, कुछ गाड़िओं की चिल्ल पों भी सुनाई देने लगी थी। हम ये सब नज़र देख ही रहे थे की सूरज की लालिमा में से लाल रंग के सूर्य देवता उदय होने लगे। ये दृश्य देखकर मुझे एक दम से अपनी चोपता तुँगनाथ की यात्रा की याद आ गयी, वहाँ मैंने पहली बार इतनी ऊँचाई से सूर्योदय देखा था और तभी से मुझे समझ आया की आखिर क्यों कुछ जगहों के सूर्योदय और सूर्यास्त देखने के लिए लोग उत्साहित रहते हैं, और मेरे मन में कहीं ये भी चल रहा था की बरसों से यहाँ रहने के बावजूद मैंने आज तक कभी ये सूर्योदय इसके पहले क्यूँ नहीं देखा?
सूर्योदय की टाइम लैप्स तस्वीरें।
खैर अंत भला तो सब भला, अब मैं यहाँ था और इस माहौल को जीना चाहता था, हर 20 30 सेकंड में सूरज की लालिमा बढ़ती जा रही थी और इसी के साथ लाल रंग का वो गोल आकर भी धीरे धीरे बढ़ने लगा था, ऐसा लग रहा था जैसे हम कोई टाइम लैप्स वीडियो देख रहे हों !!
सहस्त्र-बाहु मंदिर
हम दोनों कुछ देर के लिए एक टक ये नज़ारा देखते रहे और अगले 10 मिनट में सूर्य देवता ने धरती पर फैला अंधकार ख़त्म करके एक नयी सुबह की शुरुआत कर दी थी। कुछ तस्वीरें निकालीं और फिर यहाँ से वापिस अपनी बाइक की तरफ चल दिए, बाइक उठायी और किले के अन्य भागों के दर्शन को चल दिए। यहाँ से सबसे पहले गए सहस्त्र-बाहु मंदिर जिसे लोग सास-बहु मंदिर के नाम से भी जानते हैं, मेरे हिसाब से पूरे किले पर ये सबसे अच्छी ईमारत है, मैं जब भी किले पर आता हूँ तो यहाँ जरुर आता हूँ, अभी एंट्री गेट बंद थे, बाहर से ही इस खूबसूरत ईमारत को निहारने के बाद भटकने के हिसाब से हम लोगों को एक गली दिखी जिसमें हम इसके पहले कभी नहीं गए थे उसी पर चल दिए इस उम्मीद में की कहीं तो पहुँचेगे ही।
किले पर स्थित दाता बंदी छोड़ गुरूद्वारे का पिछला हिस्सा।
थोड़ा आगे जाकर हमें सिंधिया स्कूल का खेल मैदान दिखने लगा जिसमें स्कुल के बच्चे खेल रहे थे, यहाँ से थोड़ा आगे बढ़ने पर हम लोग "तेली के मंदिर" पर पहुँच गए। इस जगह के बारे में न जाने कितनी बार सुना और पढ़ा था मगर कभी यहाँ आना नहीं हो पाया था, और आज भटकने की वजह से यहाँ तक आ ही गए।
गुर्जर राजा मिहिर भोज द्वारा निर्मित तेली का मन्दिर मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित ग्वालियर दुर्ग के परिसर में स्थित एक प्राचीन हिन्दू मन्दिर है। यह मन्दिर विष्णु, शिव और मातृका को समर्पित है। इसका निर्माण काल विभिन्न विद्वानों द्वारा ८वीं शताब्दी से लेकर ९वीं शताब्दी के आरम्भिक काल के बीच में माना जाता है। छोटा सा ये मंदिर वैसे तो बेहद ही खूबसूरत है, बाकि रही सही कसर इसके पत्थरों पर पड़ने वाली सुबह की लाल सी धुप ने पूरी कर दी थी। किले की तलहटी में रहने काफी वाले लोग सुबह टहलने के लिए यहाँ तक आते हैं और फिर मंदिर के पार्क में योग और व्यायाम आदि करते हैं। जूते उतर कर हम लोग मंदिर प्रांगण में दाखिल हुए, सीढ़ियाँ चढ़कर मंदिर के चबूतरे पर पहुँच गए, जब समीप से जाकर इस मंदिर की पत्थर की दीवारों को छूकर देखा तो ऐसा लग रहा था जैसे हर एक पत्थर की अपनी एक कहानी है !!
चबूतरे के कुछ पत्थरों पर हज़ारों साल दबे रहने पर पेड़ पत्तियों की कुछ कलाकृतियाँ उबर आती हैं वो स्पष्ट दिखाई दे रहीं थीं, ये इतनी साफ थी जैसे अभी कल ही किसी चित्रकार ने बेहद ही खुबसूरत पेंटिंग बनायीं हो, ये दृश्य मैंने तुरंत फोन के कैमरा में कैद किया और फिर कुछ देर वहीं टहलते रहे, इस दौरान मेरे मन में एक ख्याल बार बार आ रहा था की मैं यहाँ इससे पहले कभी क्यों नहीं आया?
पत्थरों पर हज़ारों साल दबे रहने पर पेड़ पत्तियों की कुछ कलाकृतियाँ।
यहाँ बैठे हुए मैंने खुद से एक वादा किया की अब जब भी घर आऊँगा तो कोशिश करूँगा किसी एक दिन सुबह का सूर्योदय यहाँ से देखने आने की। यहाँ कुछ देर बिताने के बाद हम लोगों ने बाइक उठायी और चल दिए नीचे फूलबाग की तरफ, वहाँ जाकर चौरसिया का पोहा खाना था और फिर घर जाकर सोना भी था।
फिर मिलेंगे कहीं किसी रोज़ घूमते फिरते।
#MP_ka_blogger
#floatingshoes
Location: Morey Plains to Leh
Published On: 24-Nov-2019
Location: Jispa, Himachal Pradesh to Morey Plains
Published On: 09-Nov-2019
Location: Rohtang Pass to Jispa
Published On: 22-Sep-2019
Location: Manali, Himachal Pradesh, India
Published On: 01-Sep-2019
Location: Ladakh
Published On: 25-Aug-2019
Location: Sri Aadi Badrinath Dham Road, Alipur, Rajasthan, India
Published On: 02-Jul-2019
Location: Agra, Uttar Pradesh, India
Published On: 24-May-2019
Location: Kalyasaur, Uttarakhand, India
Published On: 08-May-2019
Location: Dhokane Waterfall, Dhukane, Uttarakhand, India
Published On: 03-May-2019
Location: Rishikesh, Uttarakhand, India
Published On: 19-Apr-2019
Location: Indian Institute of Advanced Study, Shimla
Published On: 08-Apr-2019
Location: Army Heritage Museum, Annadale Rd, Annadale, Shimla, Himachal Pradesh 171003
Published On: 29-Mar-2019
Location: Mall Road, The Mall, Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 22-Mar-2019
Location: Jakhu, Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 17-Mar-2019
Location: Narkanda, Himachal Pradesh, India
Published On: 03-Mar-2019
Location: Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 28-Feb-2019
Location: Kalka, Himachal Pradesh, India
Published On: 23-Feb-2019
Location: Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 15-Feb-2019
Location: Ratangarh, Madhya Pradesh, India
Published On: 31-Jan-2019
Location: Tehri Dam, Uttarakhand, India
Published On: 27-Jan-2019
Location: Shri Mata Vaishno Devi Katra, Katra, Jammu and Kashmir
Published On: 24-Jan-2019
Location: ISKON NOIDA, Block A, Sector 32, Noida, Uttar Pradesh, India
Published On: 19-Jan-2019
Location: Kanatal, Kaudia Range, Uttarakhand, India
Published On: 15-Jan-2019
Location: Chitrakoot, Madhya Pradesh, India
Published On: 07-Jan-2019
Location: Bhojpur Temple, Bhojpur Road, Bhojpur, Madhya Pradesh, India
Published On: 28-Dec-2018
Location: Bhimbetka rock shelters
Published On: 22-Dec-2018
Location: Padavali, Madhya Pradesh, India
Published On: 13-Dec-2018
Location: Bateshwar Temple, near mitawali padawali banmore, Morena, Madhya Pradesh
Published On: 06-Dec-2018
Location: Shanichra Road, Maharajpura, Gwalior, Madhya Pradesh, India
Published On: 28-Nov-2018
Location: Almora, Uttarakhand, India
Published On: 25-Nov-2018
Location: Vriddha Jageshwar Rd, Digari Gunth, Uttarakhand 263623, India
Published On: 21-Nov-2018
Location: Jageshwar Dham, Uttarakhand, India
Published On: 17-Nov-2018
Location: Almora, Uttarakhand, India
Published On: 16-Nov-2018
Location: Sankua Bridge, Seondha, Madhya Pradesh, India
Published On: 08-Sep-2018
Location: Kurukshetra, Haryana, India
Published On: 03-Sep-2018
Location: Shri Mata Vaishno Devi Katra, Katra, Jammu and Kashmir
Published On: 30-Jul-2018
Location: Shri Mata Vaishno Devi Katra, Katra, Jammu and Kashmir
Published On: 30-Jul-2018
Location: Madhya Pradesh, India
Published On: 27-Jun-2018
Location: Rishikesh, Uttarakhand, India
Published On: 19-Jun-2018
Location: New Delhi, Delhi, India
Published On: 17-Jun-2018
Location: Kakanmath Shiv Temple, Bawadipura, Madhya Pradesh, India
Published On: 16-Jun-2018
Location: Sultangarh Waterfall Road, Patheka, Madhya Pradesh, India
Published On: 16-Jun-2018
Location: Mathura, Uttar Pradesh, India
Published On: 10-Jun-2018
Location: Ujjain, Madhya Pradesh, India
Published On: 09-Jun-2018
Location: Mathura, Uttar Pradesh, India
Published On: 07-Jun-2018
Location: Govardhan, Uttar Pradesh, India
Published On: 05-Jun-2018
Location: Pachmarhi, Madhya Pradesh, India
Published On: 26-May-2018
Location: Pachmarhi, Madhya Pradesh, India
Published On: 20-May-2018
Location: Behat, Gwalior, Madhya Pradesh, India
Published On: 06-May-2018
Location: Rishikesh, Uttarakhand, India
Published On: 03-May-2018
Location: Diu, Daman and Diu, India
Published On: 15-Apr-2018
Location: Diu, Daman and Diu, India
Published On: 11-Apr-2018
Location: Padhavali, Madhya Pradesh, India
Published On: 07-Apr-2018
Location: Padhavali, Madhya Pradesh, India
Published On: 01-Apr-2018
Location: Akshardham Temple, Pandav Nagar, Delhi
Published On: 31-Mar-2018
Location: Gwalior, Gwalior Fort, Gwalior, Madhya Pradesh, India
Published On: 07-Mar-2018
Location: Chopta, Uttarakhand, India
Published On: 17-Feb-2018
Location: Chopta, Uttarakhand, India
Published On: 11-Feb-2018
Location: Chopta, Uttarakhand, India
Published On: 03-Feb-2018
Location: Garhmukteshwar, Uttar Pradesh, India
Published On: 21-Jan-2018
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