किन्ही कारणों से अभी ये ब्लॉग इंग्लिश भाषा में उपलब्ध नहीं है। बहुत जल्द इंग्लिश भाषा में भी उपलब्ध कराने का प्रयास करूँगा।
For some reason this blog is not available in English. I will try to make it available in English soon.
इस यात्रा का पहला भाग पढ़ने के लिए यहाँ जाएं, दूसरा भाग पढ़ने लिए यहाँ जाएं, तीसरा भाग पढ़ने के लिए यहाँ जाएं, चौथा भाग जिसमें हमने एक दिन में 2 बार बर्फ़बारी देखी थी उसे पढ़ने के लिए यहाँ जाएं।
उस रात नींद बहुत अच्छी आई, नारकण्डा की यादें जो मन में थीं। सोने से पहले मैंने अगले दिन सुबह 6 बजे का अलार्म लगा दिया था, अगले दिन हमें इस स्वर्गनुमा होमस्टे से चेकआउट करना था। सुबह 6 बजे उठकर सुनील भाई को चाय और गरम पानी के बोल दिया, चाय पीने के बाद कुछ लोग नहा धोकर, और बाकि लोग हाथ मुँह धोकर तैयार हो गए और तब तक नाश्ता भी तैयार हो चूका था। नाश्ता निपटाया और जल्दी से अपना सामान बाँध कर हम लोग इस जगह को अलविदा कहने को तैयार थे, गाड़ी वाले भैया ने पहले ही बोल रखा था की जितनी देर से हम लोग निकलेंगे उतने कम पॉइंट्स देख पाएंगे। सुनील भाई को बकाया पेमेंट किया और उनसे दुबारा कभी यहाँ आने का वादा करके विदा ली। हमारा सामान ऊपर गाड़ी तक पहुँचाने में सुनील भाई ने हमारी मदद की, यहाँ से हम लोग अपने साथ इस होमस्टे की अच्छी यादों के अलावा सुनील भाई के रूप में एक बहुत अच्छा दोस्त भी लेकर जा रहे थे।
गाड़ी हमें लेकर मुख्य रोड़ की तरफ चल दी, अगले 15 20 मिनट में हम लोग मुख्य रोड़ पर थे, आज हमें सबसे पहले जाना था शिमला के "जाखू मंदिर", जो की बजरंगबली का एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है। हमारे होमस्टे से जाखू मंदिर की दूरी कुछ 5 किलोमीटर थी, वह तक जाने में हमें कुछ 10 मिनट लगे।
शिमला के जाखू में स्थित हनुमान मंदिर एक विश्व प्रसिद्ध मंदिर है जहां देश-विदेश से लोग दर्शन करने आते हैं. मान्यता है कि राम-रावण युद्ध के दौरान लक्ष्मण जी के मूर्छित हो जाने पर संजीवनी बूटी लेने के लिए हिमालय की ओर आकाश मार्ग से जाते हुए हनुमान जी की नजर यहां तपस्या कर रहे यक्ष ऋषि पर पड़ी। बाद में इसका नाम यक्ष ऋषि के नाम पर ही यक्ष से याक, याक से याकू, याकू से जाखू तक बदलता गया. हनुमान जी विश्राम करने और संजीवनी बूटी का परिचय प्राप्त करने के लिए जाखू पर्वत के जिस स्थान पर उतरे, वहाँ आज भी उनके पद चिह्नों को संगमरमर से बनवा कर रखा गया है।
यक्ष ऋषि से संजीवनी बूटी का परिचय लेने के बाद वापस जाते हुए उन्होंने मिलकर जाने का वचन यक्ष ऋषि को दिया और द्रोण पर्वत की तरफ चल पड़े। मार्ग में कालनेमि नामक राक्षस के कुचक्र में फंसने के कारण समय के अभाव में हनुमान जी छोटे मार्ग से अयोध्या होते हुए चल पड़े। जब वह वापस नहीं लौटे तो यक्ष ऋषि व्याकुल हो गए। हनुमान जी ने उन्हें दर्शन दिया, उसके बाद इस स्थान पर हनुमान जी की स्वयंभू मूर्ति प्रकट हुई। जिसे लेकर यक्ष ऋषि ने यहीं पर हनुमान जी का मंदिर बनवाया। आज यह मूर्ति मंदिर में स्थापित है और दूर-दूर से लोग उनके दर्शन को आते हैं। जाखू मंदिर के प्रांगण में ही अब हनुमान जी की 108 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा भी स्थापित की गई है, जिसे आप शिमला में कहीं से भी देख सकते हैं, यह पहाड़ी समुंदर तल से कुल 8048 फीट ऊंचाई पर स्थित है। जाखू हिल्स शिमला की सबसे ऊंची चोटी है। जानकारी साभार आजतक एवं हिंदी नेटिव प्लेनेट।
जाखू हिल्स शिमला मुख्य शहर से 7 कि.मी और रिज से 2 कि.मी की दूरी पर स्थित है, यह सफर आपको ट्रेकिंग, रोपवे या गाड़ी के जरिए पूरा करना होता है। ध्यान देने वाली बात ये है की मंदिर तक जाने वाली रोड़ काफी संकरी है इसलिए वहाँ तक छोटी गाड़ियाँ ही जा पाती हैं।
रोपवे से सम्बंधित जानकारी: जानकारी साभार।
वैसे तो मंदिर तक बड़ी गाड़ी लेकर जाना नामुमकिन की तरह है पर चूँकि हमारे गाड़ी वाले भैया यहाँ के लोकल हैं और ऐसे रास्तों पर गाड़ी चलाना उनके लिए सामान्य बात है तो उन्होंने हमें गाड़ी से मंदिर के द्वार से थोड़ा पहले तक पहुँचा दिया। यहाँ हर तरफ बन्दर दिखाई दे रहे थे और गाड़ी वाले भैया ने भी बंदरों से सतर्क रहने के लिए बोल दिया था। हमने सारा सामान गाड़ी में ही छोड़ा, सिर्फ कैमरा जेब में रखा और चल दिए मंदिर की तरफ।
गोलू देवता दर्शन।
हमने अपने गाड़ी जहाँ छोड़ी थी वहाँ सामने ही एक बड़ा सा मंदिर था जिसमें पहाड़ों में पूजे जाने वाले न्याय के देवता गोलू देवता का मंदिर, अन्य कई और देवी देवताओं के मंदिर थे, हमने सबसे पहले यहाँ के दर्शन को चल दिए। बंदरों के होने की वजह से यहाँ मंदिर के बाहर जो जूते का स्टैंड रखा था उसमें बंद होने वाला जाली का दरवाजा भी था, हमने जूते उतारे और हाथ मुँह धोकर मंदिर के अंदर चल दिए, ये एक भव्य मंदिर था जिसमें मंदिर के द्वार के ठीक सामने गोलू देवता का मंदिर था और इसके अलावा उल्टे और सीधे हाथ की दीवारों पर अलग अलग देवी देवताओं के मंदिर बने हुए थे। ये जगह सुकून से समय बिताने के लिए बहुत अच्छी थी मगर हमारे पास आज ज्यादा वक़्त नहीं था, हमने सभी मंदिरों के सामने माथा टेका और प्रसाद लेकर मंदिर से बाहर आ गए।
मंदिर की तरफ जाती हुईं सीढ़ियाँ, और आसपास बैठे पहरेदार (वानर सेना)।
मंदिर का मॉडल।
पहाड़ों के खूबसूरत नज़ारे।
बाहर आकर जूते पहने और यहाँ से ठीक सामने जाखू मंदिर का गेट था जहाँ से मंदिर की तरफ सीढ़ियाँ जाती हैं हम लोग उस तरफ चल दिए, यहाँ एक आद सैलानी जिन्हें यहाँ का बंदरों के बारे में पता नहीं था और वो प्रसाद हाथ में लेकर आगे जा रहे थे उनसे बंदरों ने प्रसाद लेकर ही उन्हें आगे जाने दिया, खैर एक ही बात है, जो प्रसाद ये लोग बजरंगबली पर चढ़ाने जा रहे थे वो उनके दूतों ने आपसे रास्ते में ही ले लिया। यहाँ से हम सीढ़ीओं पर चलते हुए आगे बढ़ रहे थे और धीरे धीरे चलते हुए हम लोग जाखू पर्वत के ऊपर पहुँच गए थे। यहाँ पर बच्चों के लिए कुछ झूले आदि लगे हुए थे उनको देखते हुए हम चल दिए, उसके बाद सबसे पहले जिस जगह निगाह जाकर ठहर गयी वो थी वहाँ मौजूद बजरंगबली की गगनचुम्बी मूर्ति !
बजरंगबली की दुनिया के सबसे ऊँची प्रतिमा।
इस मूर्ति को देखकर ऐसा लग रहा था की स्वयं बजरंगबली अपने रौद्र रूप में अपना एक स्वरुप मूर्ति रूप में यहाँ छोड़ गए हों, जो यहाँ से आसपास की सभी जगहों पर नज़र रखे हुए हैं। बादलों के होने पर इस मूर्ति का कुछ हिस्सा बादलों के पार चला जाता है, तब ऐसा लगता है जैसे बजरंगबली धरती और देव लोक दोनों जगह एक साथ उपस्थित हैं। इस मूर्ति को देखकर यहाँ से हटने का मन नहीं कर रहा था, पर समय सीमित थे तो यहाँ से आगे मंदिर की तरफ चल दिए। जहाँ से मंदिर की सीढ़ियाँ शुरू हुईं थी वहाँ से लेकर ऊपर मंदिर तक हर जगह हमें केसरिया रंग देखने को मिल रहा था जो बेहद ही खूबसूरत लग रहा था।
मंदिर परिसर में मौजूद कुछ अन्य मंदिर।
जाखू मंदिर प्रवेश द्वार।
जाखू मंदिर प्रवेश द्वार।
इस विशालकाय मूर्ति के दर्शन के बाद हम चल दिए यहाँ के मुख्य मंदिर की तरफ, ये मंदिर काफी पुराने समय का बना हुआ है परन्तु इसकी बनावट किसी का ही मन मोह ले कुछ इस तरह है। मंदिर पहुँच कर हमने अपने जूते जूता घर में उतारे और फिर हम चल दिए मंदिर दर्शन को। मंदिर में बहुत ज्यादा भीड़ नहीं थी तो आराम से दर्शन हुए, दर्शन करने के बाद हम लोग थोड़ी देर वही मंदिर में बैठे रहे, यहाँ की फ़िज़ाओं में एक अलग ही शांति का एहसास हो रहा था तो कुछ देर यहाँ बैठने के बाद हम लोग यहाँ से बाहर निकले और लंगर क्षेत्र में जाकर अपनी समर्थ अनुसार दान दिया और उसके बाद वापिस जूता घर जाकर जूते पहने और एक बार फिर से इस पहाड़ को निहारा और वापिस सीढ़ियों की तरफ चल दिए।
मंदिर परिसर में एक छोटा सा घर।
सीढ़ीओं से नीचे आते वक़्त ठण्डी हवाएँ हमारे गालों को छूते हुए निकल रहीं थी जो की एक बेहद ही सुकून देने वाला एहसास था, बातें करते हुए हम लोग अगले 10 मिनट में नीचे आ गए। नीचे गेट पर एक बन्दे को बंदरों ने रोक रखा था, बंदर उससे मंदिर तक जाने से पहले लगने वाले शुल्क के रूप में प्रसाद की थैली की माँग कर रहे थे, और उसे उनकी माँग करनी पड़ी। नीचे गाड़ी पर पहुँच कर हमने अपना सामान व्यवस्थित किया ताकि हमारे बैठने के लिए जगह हो जाए और सब लोग गाड़ी में बैठ गए नीचे जाने के लिए। नेहा का मन था की मैं और वो कुछ दूरी तक पैदल चलें तो मैंने गाड़ी वाले भैया को थोड़ा आगे जाकर रुकने के लिए कहा और वो गाड़ी लेकर आगे चल दिए और हम 2 पीछे पैदल पैदल चलने लगे, माहौल बहुत ही खुशनुमा था और मेरे जहन में कहीं एक गाना बज रहा था - "हम रही मेरे हम राही, है मेरे संग तू तो डर क्या चलना है तेरी पलकों के साये साये मेरे हम राही", थोड़ी दूर पैदल चलने के बाद हम लोग भी गाड़ी में सवार होकर आगे बढ़ दिए, यहाँ से हमें जाना था शिमला के सबसे फेमस पॉइंट - मॉल रोड़ जिसे रिज (पहाड़ की चोटी) के नाम से भी जाना जाता है।
फिर मिलेंगे कहीं किसी रोज़ घूमते फिरते।
#MP_ka_blogger
#floatingshoes
Location: Morey Plains to Leh
Published On: 24-Nov-2019
Location: Jispa, Himachal Pradesh to Morey Plains
Published On: 09-Nov-2019
Location: Rohtang Pass to Jispa
Published On: 22-Sep-2019
Location: Manali, Himachal Pradesh, India
Published On: 01-Sep-2019
Location: Ladakh
Published On: 25-Aug-2019
Location: Sri Aadi Badrinath Dham Road, Alipur, Rajasthan, India
Published On: 02-Jul-2019
Location: Agra, Uttar Pradesh, India
Published On: 24-May-2019
Location: Kalyasaur, Uttarakhand, India
Published On: 08-May-2019
Location: Dhokane Waterfall, Dhukane, Uttarakhand, India
Published On: 03-May-2019
Location: Rishikesh, Uttarakhand, India
Published On: 19-Apr-2019
Location: Indian Institute of Advanced Study, Shimla
Published On: 08-Apr-2019
Location: Army Heritage Museum, Annadale Rd, Annadale, Shimla, Himachal Pradesh 171003
Published On: 29-Mar-2019
Location: Mall Road, The Mall, Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 22-Mar-2019
Location: Jakhu, Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 17-Mar-2019
Location: Narkanda, Himachal Pradesh, India
Published On: 03-Mar-2019
Location: Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 28-Feb-2019
Location: Kalka, Himachal Pradesh, India
Published On: 23-Feb-2019
Location: Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 15-Feb-2019
Location: Ratangarh, Madhya Pradesh, India
Published On: 31-Jan-2019
Location: Tehri Dam, Uttarakhand, India
Published On: 27-Jan-2019
Location: Shri Mata Vaishno Devi Katra, Katra, Jammu and Kashmir
Published On: 24-Jan-2019
Location: ISKON NOIDA, Block A, Sector 32, Noida, Uttar Pradesh, India
Published On: 19-Jan-2019
Location: Kanatal, Kaudia Range, Uttarakhand, India
Published On: 15-Jan-2019
Location: Chitrakoot, Madhya Pradesh, India
Published On: 07-Jan-2019
Location: Bhojpur Temple, Bhojpur Road, Bhojpur, Madhya Pradesh, India
Published On: 28-Dec-2018
Location: Bhimbetka rock shelters
Published On: 22-Dec-2018
Location: Padavali, Madhya Pradesh, India
Published On: 13-Dec-2018
Location: Bateshwar Temple, near mitawali padawali banmore, Morena, Madhya Pradesh
Published On: 06-Dec-2018
Location: Shanichra Road, Maharajpura, Gwalior, Madhya Pradesh, India
Published On: 28-Nov-2018
Location: Almora, Uttarakhand, India
Published On: 25-Nov-2018
Location: Vriddha Jageshwar Rd, Digari Gunth, Uttarakhand 263623, India
Published On: 21-Nov-2018
Location: Jageshwar Dham, Uttarakhand, India
Published On: 17-Nov-2018
Location: Almora, Uttarakhand, India
Published On: 16-Nov-2018
Location: Sankua Bridge, Seondha, Madhya Pradesh, India
Published On: 08-Sep-2018
Location: Kurukshetra, Haryana, India
Published On: 03-Sep-2018
Location: Shri Mata Vaishno Devi Katra, Katra, Jammu and Kashmir
Published On: 30-Jul-2018
Location: Shri Mata Vaishno Devi Katra, Katra, Jammu and Kashmir
Published On: 30-Jul-2018
Location: Madhya Pradesh, India
Published On: 27-Jun-2018
Location: Rishikesh, Uttarakhand, India
Published On: 19-Jun-2018
Location: New Delhi, Delhi, India
Published On: 17-Jun-2018
Location: Kakanmath Shiv Temple, Bawadipura, Madhya Pradesh, India
Published On: 16-Jun-2018
Location: Sultangarh Waterfall Road, Patheka, Madhya Pradesh, India
Published On: 16-Jun-2018
Location: Mathura, Uttar Pradesh, India
Published On: 10-Jun-2018
Location: Ujjain, Madhya Pradesh, India
Published On: 09-Jun-2018
Location: Mathura, Uttar Pradesh, India
Published On: 07-Jun-2018
Location: Govardhan, Uttar Pradesh, India
Published On: 05-Jun-2018
Location: Pachmarhi, Madhya Pradesh, India
Published On: 26-May-2018
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Published On: 20-May-2018
Location: Behat, Gwalior, Madhya Pradesh, India
Published On: 06-May-2018
Location: Rishikesh, Uttarakhand, India
Published On: 03-May-2018
Location: Diu, Daman and Diu, India
Published On: 15-Apr-2018
Location: Diu, Daman and Diu, India
Published On: 11-Apr-2018
Location: Padhavali, Madhya Pradesh, India
Published On: 07-Apr-2018
Location: Padhavali, Madhya Pradesh, India
Published On: 01-Apr-2018
Location: Akshardham Temple, Pandav Nagar, Delhi
Published On: 31-Mar-2018
Location: Gwalior, Gwalior Fort, Gwalior, Madhya Pradesh, India
Published On: 07-Mar-2018
Location: Chopta, Uttarakhand, India
Published On: 17-Feb-2018
Location: Chopta, Uttarakhand, India
Published On: 11-Feb-2018
Location: Chopta, Uttarakhand, India
Published On: 03-Feb-2018
Location: Garhmukteshwar, Uttar Pradesh, India
Published On: 21-Jan-2018
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