किन्ही कारणों से अभी ये ब्लॉग इंग्लिश भाषा में उपलब्ध नहीं है। बहुत जल्द इंग्लिश भाषा में भी उपलब्ध कराने का प्रयास करूँगा।
For some reason this blog is not available in English. I will try to make it available in English soon.
कैसे जाएँ:
ग्वालियर से यहाँ पर जाने के 2 रास्ते हैं:
. ग्वालियर से नूराबाद होकर, इससे दूरी है 40 किलोमीटर। गूगल मैप लिंक
. ग्वालियर से मालनपुर होकर, इससे दूरी है 36 किलोमीटर। गूगल मैप लिंक
इसके अलावा भी कुछ रास्ते हैं, परन्तु उनका मुझे बहुत ज्यादा आईडिया नहीं है तो उन रास्तों को चुनने से पहले उनके बारे में किसी लोकल व्यक्ति से पूछताछ करले फिर उन रास्तो को चुनें।
ग्वालियर या मुरैना से यहाँ जाने के लिए कोई सीधा साधन नहीं है, अतः आपको अपने वाहन से ही जाना होगा।
कब जाएँ:
चम्बल ट्रायंगल चारों तरफ से पत्थर के पहाड़ों से घिरा हुआ है जिसके कारण गर्मिओं के समय यहाँ गर्मी काफी ज्यादा होती है तो गर्मिओं के अलावा आप किसी भी मौसम में यहाँ जा सकते हैं।
इस यात्रा का पहला भाग पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।
इस यात्रा का दूसरा भाग पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बटेश्वर से निकल कर हम चल दिए पढ़ावली की तरफ जो की बटेश्वर से कुछ 500 मीटर की दूरी पर है, पढ़ावली में मुख्यतः एक छोटा किला है जिसे गढ़ी के नाम से जाना जाता है इसलिए इस जगह को गढ़ी पढ़ावली के नाम से भी जाना जाना जाता है। पिछली बार की मेरी पढ़ावली की यात्रा में मैं अपने मित्रों के साथ आया था, तब से अब तक काफी कुछ बदल चूका था, मध्यप्रदेश टूरिज्म ने यहाँ पर काफी काम किया है। एक बड़ा सा बोर्ड लगा दिया गया है जिससे लोगों को पता लग सके की ये स्थान का नाम क्या है, सड़क के उस पार बैठने के लिए बेंच लगा दी गयी है, ये सारी चीजें देखकर मन को थोड़ा सुकून मिला।
पढ़ावली के बहार लगा हुआ बोर्ड।
मैंने बाइक पार्क की और हम लोग अंदर की तरफ चल दिए। मुख्य द्वार से गढ़ी तक जाने वाले रास्ते के दोनों तरफ बेहद ही सुन्दर और साफ सुथरा पार्क है जिसमें हरी मखमली घास को देखकर मुझे मेरे बचपन के दिनों की याद आ गयी जब ऐसी घास कहीं मिल जाए तो लगता था जैसे कुछ देर के लिए स्वर्ग के द्वार की चाभी हाथ लग गयी हो। मार्ग के दोनों तरफ पुरातत्व विभाग ने आसपास में खुदाई में निकलीं मूर्तिओं को झाँकी के रूप में लगा रखा था, इन सभी मूर्तिओं की नक्काशी देखने लायक थी। अगर आपको ऐतिहासिक इमारतों में रूचि है तो ये स्थान आपके लिए बेहद खास है, ये सारी मूर्तियाँ देखते हुए हम लोग गढ़ी की तरफ बढ़ते जा रहे थे।
आसपास खुदाई में निकली बेहद ही खूबसूरत मूर्तियाँ।
पढ़ावली की जानकारी।
गढ़ी के मुख्य द्वार पर दो आदमकद से भी ज्यादा ऊँचे शेर बने हुए हैं और उनके बीच में हैं सीढ़ियाँ जो की ऊपर तक जाती हैं, सीढ़ियों से होकर हम लोग गढ़ी के अंदर पहुँच गए, यहाँ घुसते से ही एक मण्डप की तरह दिखने वाला भवन है, इस भवन की नक्काशी देखने लायक है, ये काफी हद तक खजुराहो के मंदिरों से मिलती जुलती नक्काशी है। पिताजी ये सब कुछ देखकर अचम्भित थे की ये सारे स्थान अपने आप में कितने सारे रहस्य और अध्भुत इमारतों को छुपाये हुए हैं।
गढ़ी का मुख्य द्वार।
गढ़ी के अंदर एक मण्डप जिसकी नक़्क़ाशी देखने लायक है।
काफी देर तक इस नक्काशी का दीदार करने के बाद हम थोड़ी देर वहीं बैठे रहे, पीछे से एक रास्ता गढ़ी के अंदर और किले की छत तक जाता है, उस एरिया में इसके पहले में जब आया था तब जा चूका हूँ, इस बार भी जाने का मन था मगर वहाँ काफी ऊँचाई पर चढ़ना और उतरना पड़ता है इसलिए वहाँ तक जाने का प्लान वहीं त्याग दिया।
सूरज ढलने में करीब एक घण्टा और था और यहाँ से बैठे हुए हमें मितावली वाले पहाड़ की कुछ झलक दिख रही थी, अब चूँकि यहाँ अंदर नहीं जाना था तो मैंने पिताजी को कहा चलो दिन ढलने से पहले मितावली के भी दर्शन कर लेते हैं और पिताजी ने भी इस बात पर हामी भर दी और हम चल दिए अपनी बाइक की तरफ।
पढ़ावली से मितावली कुछ 3 से 4 किलोमीटर को दूरी पर है और अच्छी बात ये है की पर्यटकों को वहाँ तक जाने के लिए भटकना न पड़े इसलिए मध्यप्रदेश टूरिज्म ने जगह जगह पर दिशा सूचक लगा रहे हैं, हम उन्ही को देखते हुए आगे बढ़ते गए। रास्ते में एक जगह पर ककनमठ जाने वाले रास्ते का भी दिशा सूचक दिखा मगर वो जगह यहाँ से ज्यादा दूर थी इसलिए वहाँ जाना संभव नहीं था तो सीधे मितावली वाले रास्ते पर चल दिए और अगले 5 मिनट में मितावली पहुँच गए।
मितावली दिशा सूचक।
मितावली मेरी पिछली यहाँ की यात्रा से एक दम उलट था, इस पूरे स्थान को दीवार से घेर कर मुख्य द्वार पर गेट लगा दिया गया था, बड़ा सा बोर्ड भी लग गया था और वहीँ पास में एक बड़ा सा सार्वजनिक शौचालय जो की काफी साफ सुथरा था वो भी बना दिया गया था, इसके अलावा पीने के पानी की भी व्यवस्था कर दी गयी थी, काफी अच्छा लगा ये सब देखकर।
मितावली के प्रथम दर्शन।
मैंने मुख्य द्वार से थोड़ा हटकर बाइक पार्क की और हम लोग चल दिए पहाड़ चढ़ने। करीब 200 या 250 सीढ़ियाँ चढ़ने के बाद हम लोग पहाड़ पर आ गए थे , सीढ़ियाँ चढ़ने के दौरान आप आसपास निगाह डालेंगे तो देखेंगे की आसपास का नज़ारा बेहद ही खुबसुरत दिखता है, आसपास के लोगों ने अपने खेतों में अलग अलग तरह के अनाज बो रखे हैं जिनको दूर से देखने पर ऐसा लगता है जैसे धरती के अलग आग भागों में किसी ने अलग अलग रंग भर दिए हों, साथ ही सूरज की लालिमा भी अब हल्की होने लगी थी जो दिन ढलने का इशारा था, कुल मिलाकर ये दृश्य बेहद खूबसूरत था।
सीढ़ियाँ ख़त्म होते ही हमारे थी सामने एक गोलाकार ईमारत थी जिसके बारे में ऐसा कहा जाता है की दिल्ली के संसद भवन की ईमारत का नक्शा इसी ईमारत से प्रेरित है, इस मंदिर को इकंतेश्वर महादेव, ईकोत्तरसो महादेव मंदिर या चौसठ योगिनी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण 13 शताब्दी में महाराज देवपाल द्वारा कराया गया था।
मैं पिताजी से थोड़ा आगे था, मंदिर के पास पहुँच कर मैंने पीछे मुड़कर पिताजी की तरफ देखा तो पाया की वो एक दम अचंभित होकर ये सार दृश्य देख रहे थे, उनकी स्थित ठीक वैसी थी जैसी मेरी पिछली यहाँ की यात्रा के दौरान थी। यहाँ आने वाले हर एक व्यक्ति को यही लगता है की ग्वालियर के पास इतनी सारी जगहें हैं और ज्यादातर लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं है, ऐसा कैसे!
मंदिर के द्वार पर पहुँचा तो देखा की यहाँ पर मंदिर की जानकारी सम्बन्धित बोर्ड लगा हुआ था जो की मेरी यहाँ की पिछली यात्रा के दौरान नहीं था, इस पर मंदिर के इतिहास के बारे में बताया गया था। इसकी एक तस्वीर लेने के बाद हमने अपने जूते वहीँ बाहर उतारे और मंदिर के अंदर चल दिए। इस मंदिर को चौसठ योगोनि मंदिर भी कहा जाता है और ऐसा इसलिए हैं क्यूँकि मंदिर प्रांगण के कुल मिलाकर चौसठ मंदिर हैं, जिनमें से त्रेसठ मंदिर बाहरी गोलाकार दीवार से लगे हुए हैं और ये सारे एक ही तरह दिखते हैं और प्रत्येक मंदिर में एक ही तरह का शिवलिंग है। चौसठवाँ मंदिर प्रांगण के बीचोंबीच है जो की अन्य मंदिरों की अपेक्षा काफी बड़ा है, इस मंदिर में भी एक शिवलिंग है, इस तरह यहाँ कुल मिलाकर चौसठ मंदिर हैं। यहाँ की साफ सफाई और पूजापाठ का जिम्मा आसपास के गाँव के लोगों के पास है, वो ही लोग यहाँ की देखभाल भी करते हैं।
मंदिर प्रांगण के बीच में स्थित मुख्य मंदिर।
कुछ देर मंदिर प्रांगण में बिताने के बाद हम लोगों ने उस दिन का सूर्यास्त वहीँ से देखा, लाल रंग का ढलता हुआ सूरज अपनी ही मौज में था, हम उसे एक टक निहारते रहे, बेहद खूबसूरत एहसास था ये जिसे में शब्दों में बयाँ नहीं कर पाउँगा। अब वक़्त था यहाँ से वापसी का, पहाड़ से उतारकर नीचे आए और बाइक उठाकर वापिस अपने शहर की तरफ चल दिए, इस बार हमने मालनपुर वाला रास्ता लिया, और मालनपुर पहुँचकर 2 2 कप चाय और पपड़ी का आनंद लिया और वहाँ से सीधे ग्वालियर।
फिर मिलेंगे कहीं किसी रोज़ घूमते फिरते।
#MP_ka_blogger
#floatingshoes
Location: Morey Plains to Leh
Published On: 24-Nov-2019
Location: Jispa, Himachal Pradesh to Morey Plains
Published On: 09-Nov-2019
Location: Rohtang Pass to Jispa
Published On: 22-Sep-2019
Location: Manali, Himachal Pradesh, India
Published On: 01-Sep-2019
Location: Ladakh
Published On: 25-Aug-2019
Location: Sri Aadi Badrinath Dham Road, Alipur, Rajasthan, India
Published On: 02-Jul-2019
Location: Agra, Uttar Pradesh, India
Published On: 24-May-2019
Location: Kalyasaur, Uttarakhand, India
Published On: 08-May-2019
Location: Dhokane Waterfall, Dhukane, Uttarakhand, India
Published On: 03-May-2019
Location: Rishikesh, Uttarakhand, India
Published On: 19-Apr-2019
Location: Indian Institute of Advanced Study, Shimla
Published On: 08-Apr-2019
Location: Army Heritage Museum, Annadale Rd, Annadale, Shimla, Himachal Pradesh 171003
Published On: 29-Mar-2019
Location: Mall Road, The Mall, Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 22-Mar-2019
Location: Jakhu, Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 17-Mar-2019
Location: Narkanda, Himachal Pradesh, India
Published On: 03-Mar-2019
Location: Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 28-Feb-2019
Location: Kalka, Himachal Pradesh, India
Published On: 23-Feb-2019
Location: Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 15-Feb-2019
Location: Ratangarh, Madhya Pradesh, India
Published On: 31-Jan-2019
Location: Tehri Dam, Uttarakhand, India
Published On: 27-Jan-2019
Location: Shri Mata Vaishno Devi Katra, Katra, Jammu and Kashmir
Published On: 24-Jan-2019
Location: ISKON NOIDA, Block A, Sector 32, Noida, Uttar Pradesh, India
Published On: 19-Jan-2019
Location: Kanatal, Kaudia Range, Uttarakhand, India
Published On: 15-Jan-2019
Location: Chitrakoot, Madhya Pradesh, India
Published On: 07-Jan-2019
Location: Bhojpur Temple, Bhojpur Road, Bhojpur, Madhya Pradesh, India
Published On: 28-Dec-2018
Location: Bhimbetka rock shelters
Published On: 22-Dec-2018
Location: Padavali, Madhya Pradesh, India
Published On: 13-Dec-2018
Location: Bateshwar Temple, near mitawali padawali banmore, Morena, Madhya Pradesh
Published On: 06-Dec-2018
Location: Shanichra Road, Maharajpura, Gwalior, Madhya Pradesh, India
Published On: 28-Nov-2018
Location: Almora, Uttarakhand, India
Published On: 25-Nov-2018
Location: Vriddha Jageshwar Rd, Digari Gunth, Uttarakhand 263623, India
Published On: 21-Nov-2018
Location: Jageshwar Dham, Uttarakhand, India
Published On: 17-Nov-2018
Location: Almora, Uttarakhand, India
Published On: 16-Nov-2018
Location: Sankua Bridge, Seondha, Madhya Pradesh, India
Published On: 08-Sep-2018
Location: Kurukshetra, Haryana, India
Published On: 03-Sep-2018
Location: Shri Mata Vaishno Devi Katra, Katra, Jammu and Kashmir
Published On: 30-Jul-2018
Location: Shri Mata Vaishno Devi Katra, Katra, Jammu and Kashmir
Published On: 30-Jul-2018
Location: Madhya Pradesh, India
Published On: 27-Jun-2018
Location: Rishikesh, Uttarakhand, India
Published On: 19-Jun-2018
Location: New Delhi, Delhi, India
Published On: 17-Jun-2018
Location: Kakanmath Shiv Temple, Bawadipura, Madhya Pradesh, India
Published On: 16-Jun-2018
Location: Sultangarh Waterfall Road, Patheka, Madhya Pradesh, India
Published On: 16-Jun-2018
Location: Mathura, Uttar Pradesh, India
Published On: 10-Jun-2018
Location: Ujjain, Madhya Pradesh, India
Published On: 09-Jun-2018
Location: Mathura, Uttar Pradesh, India
Published On: 07-Jun-2018
Location: Govardhan, Uttar Pradesh, India
Published On: 05-Jun-2018
Location: Pachmarhi, Madhya Pradesh, India
Published On: 26-May-2018
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Published On: 20-May-2018
Location: Behat, Gwalior, Madhya Pradesh, India
Published On: 06-May-2018
Location: Rishikesh, Uttarakhand, India
Published On: 03-May-2018
Location: Diu, Daman and Diu, India
Published On: 15-Apr-2018
Location: Diu, Daman and Diu, India
Published On: 11-Apr-2018
Location: Padhavali, Madhya Pradesh, India
Published On: 07-Apr-2018
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Published On: 01-Apr-2018
Location: Akshardham Temple, Pandav Nagar, Delhi
Published On: 31-Mar-2018
Location: Gwalior, Gwalior Fort, Gwalior, Madhya Pradesh, India
Published On: 07-Mar-2018
Location: Chopta, Uttarakhand, India
Published On: 17-Feb-2018
Location: Chopta, Uttarakhand, India
Published On: 11-Feb-2018
Location: Chopta, Uttarakhand, India
Published On: 03-Feb-2018
Location: Garhmukteshwar, Uttar Pradesh, India
Published On: 21-Jan-2018
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