लद्दाख जाने से सम्बंधित सारी जानकारी के लिए ये ब्लॉग पढ़ना न भूलें। इस यात्रा के पिछले भाग के ब्लॉग लिंक - पहला भाग, दूसरा भाग, तीसरा भाग, चौथा भाग, पाँचवाँ भाग, छठवाँ भाग ।
कल सुबह जल्दी उठने का अलार्म लगाकर हम लोग सो गए, सुबह सबसे पहले मैं उठा और जल्द्दी से नाहा धोकर तैयार हुआ और इन दोनों को भी तैयार होने के लिए बोल दिया। तैयार होने के बाद अपना सामान समेटा, और सामान लेकर अपनी बाइक पर बाँधना शुरू कर दिया अगले आधा घण्टे में हम लोग यहाँ से निकलने को तैयार थे, होमस्टे वाले भैया को धन्यवाद और अलविदा कहा (इनका पैसों का लेन देन रात में ही कर दिया था) और बाइक स्टार्ट की और इस स्वर्ग सी धरती से विदा लेकर वापिस मनाली की तरफ चल दिए, आज का लक्ष्य था जिस्पा पहुँच कर वहीं पर रात बिताना।
होमस्टे से होते हुए हम लोग उस चौराहे पर थे जहाँ से एक रोड हवाई अड्डे की तरफ और एक रोड वो था जिससे हमें वापसी करनी थी, एक बार फिर से पूरे शहर को देखा और इस रोड पर बाइक दौड़ानी शुरू कर दी। हमें एक दिन में करीब 450 किलोमीटर की दूरी तय करनी थी, इतनी दूरी तय करने में आते समय हमें करीब 15 घण्टे लगे थे, पता नहीं अभी कितना समय लगेगा और उसमें भी अजीत और शशिकान्त के मन में कुछ और ही खिचड़ी पक रही थी।
हम लोग काफी तेजी से आगे बढ़ रहे थे ढाई घंटे के सफर के बाद हम लोग उस पास पर थे जहाँ पर आते समय शशिकान्त हमें मिला था, चढ़ाई बहुत ज्यादा थी तो बाइक आराम से चढ़ रही थी, एक समय ऐसा आया जब हम पहाड़ के थोड़े से समतल हिस्से में थे और तब कहीं हमें पता लगा की इस रूट का दूसरा सबसे ऊँचा पास है और इसका नाम था तंगलांगला। आते समय शशिकान्त के गायब होने की वजह से हम लोग इतने परेशान थे की हमें पता ही नहीं लगा की ऊँचाई वाले पास में से एक है और न ही हमें ये बड़ा सा बोर्ड दिखा (इस बोर्ड को बहुत सारे बाइकर्स ने घेर रखा था)। खैर अभी यहाँ हमारे अलावा कोई नहीं था और आते समय यहाँ नहीं रुके थे तो अभी यहाँ रुकना बनता था तो हमने बाइक साइड से खड़ी कर दी और चल दिए कुछ तस्वीरें निकलवाने, ये माहौल अध्भुत था।
तंगलांगला पास से दिखती पर्वत श्रृंखला।
थोड़ी देर यहाँ रुकने और चलने फिरने में ये समझ आ गया था की यहाँ ज्यादा देर रुकना ठीक नहीं है तो करीब 10 मिनट यहाँ रुकने के बाद हम लोगों ने अपनी बाइक स्टार्ट की और आगे बढ़ दिए। सुबह हम लोग सिर्फ बिस्कुट और चिप्स आदि खाकर चले थे तो एक दुकान पर रुक कर नाश्ता किया और फिर आगे बढ़ दिए। आते समय हमारा प्लान था की हम लोग पैंगोंग झील भी जाएँगे मगर समय की कमी के चलते वहाँ जाना संभव नहीं हो पाया तो उसके बदले हमारा मन था की अगर समय मिला तो हम वापसी में त्सो कार झील देखने जाएँगे। यहाँ हमें ये तय करना था की वहाँ जाएं या नहीं, मेरा मन था की सीधे निकला जाये तभी हम रात के 9 या 10 बजे के आसपास जिस्पा पहुँच पाएँगे मगर इन दोनों का मन था की त्सो कार झील देखकर ही आगे बढ़ेंगे तो फिर उसी प्लान के हिसाब से हम लोग आगे बढ़ दिए।
गूगल मैप के हिसाब से डेबरिंग से करीब 9 या 10 किलोमीटर आगे एक रोड उल्टे हाथ पर मुड़ता है जो की त्सो कार झील के लिए जाता है वहाँ से ये झील करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर है, यानि की यहाँ जाकर वापिस आने में करीब 1 से 1.5 घण्टा लगेगा तो जाने में कोई हर्ज नहीं है ये सोचकर हम लोग झील वाले रोड पर चल दिए। इस रास्ते पर हमारे आलावा और कोई नहीं था और रास्ता कच्चा और थोड़ा ख़राब भी था तो मन में एक ये डर था की कहीं बाइक पंचर न हो जाये। खैर करीब आधा घण्टे बाइक चलाने के बाद हमें झील का कुछ अंश दिखाई देने लगा और फिर करीब 1 से 2 किलोमीटर मिट्टी की रोड पर बाइक चलाने की बाद हम लद्धाख में स्थित एक नमक के पानी की झील के सामने खड़े थे और हम सब कुछ पल के लिए जड़ हो गए थे, यहाँ की खूबसूरती देखने लायक थी।
गूगल मैप: लिंक
झील के किनारे पर हल्का कीचड़ था, उसके आगे नमक का विशाल भंडार था और उसके आगे था झील का काँच के समान साफ़ पानी जिसमें आसपास के पहाड़ों का प्रतिबिम्ब साफ देखा जा सकता था। वैसे तो लद्दाख में इस तरह की तमाम झील हैं जिसमें प्रमुख हैं पैंगोंग और त्सो मोरिरि आदि। इन सब में पैंगोंग सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है और उसका कारण है उसकी खूबसूरती, पत्थरों की झील होने की वजह से उसका पानी काफी साफ है और आसपास के वातावरण के हिसाब से दिन में 2 3 बार उसके पानी का रंग बदलता है (ऐसा मैंने सुना और पढ़ा है), ये तो हुई असल में घुमक्कड़ लोगों के मन की बात, बाकि वहाँ जनता इसलिए भी जाती है क्यूँकि उस झील को 3 इडियट नाम की एक फिल्म में दिखाया था, बाकी इसके आगे लिखने की जरुरत नहीं है। त्सो मोरिरि भी बेहद खूबसूरत है मगर यहाँ पर कम ही लोग जाते हैं, और इन सब के बाद आता है नाम त्सो कार झील का, जिस पर पूरे साल में कुछ गिने चुने लोग ही आते हैं जिस वजह से यहाँ आज भी सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है, एक कैम्प साइट है जो की जब हम गए थे तब बंद थी, मगर खूबसूरती की बात करूँ तो ये झील भी बाकी झीलों से कहीं कम नहीं थी।
मैंने अपने जीवन में नमक की झील वो भी इतनी ऊँचाई पर पहली बार देखी थी, और ये झील बाकि झीलों से एक मायने में अलग थी और वो था यहाँ मौजूद नमक जो की बहुत बड़े इलाके में फैला हुआ था। यहाँ तक की झील के किनारे पूरी तरह नमक की मोती परत से ढके थे जबकि इस तरह का नमक मैंने कभी भी पैंगोंग और त्सो मोरिरि के फोटो या किसी भी वीडियो में नहीं देखा था।
अपनी बाइक किनारे खड़ी करने के बाद हम सबसे पहले वहीं किनारे पर खड़े होकर इस पूरे माहौल को कुछ देर देखते रहे फिर कीचड़ फाँदकर नमक वाले हिस्से में पहुँच गए। कीचड़ और पानी के बीच ये नमक एक चाँदी की तरह चमक रहा था। हमने यहाँ की अलग अलग तरह की पचासों तस्वीरें निकालीं और खुद को भी कुछ फ्रेम में सेट किया और देखते देखते अजीत और शशिकांत उस नमक के महा सागर में लेट कर तस्वीरें निकलवाने लगे, कोई नमक की पाटिया हाथ में उठाकर पोज़ दे रहा था तो किसी में एक बन्दा दूसरे पर नमक के पत्थर और पाटिया फेंक रहा था और में इनकी ये हरकतें तस्वीरों में कैद करता जा रहा था। यहाँ का माहौल ऐसा था की अगर हमारी पास समय होता और यहाँ पर कोई कैंप साइट चालू होती तो हम एक रात यहाँ जरूर रुकते।
खैर इन सब में पता ही नहीं लगा की एक घण्टा कब बीत गया और हमें आज अभी बहुत दूर जाना था तो अब यहाँ से निकलना उचित समझा। इस बार हमने वापसी के लिए 2 किलोमीटर का कच्चा रास्ता चलने के बाद रोड न लेते हुए उल्टे हाथ पर से कच्चा रास्ता लिया जो हमें 5 6 किलोमीटर की दूरी में ही मुख्य रोड पर पहुँचा देगा और अगर जिस रस्ते से हम आये थे अगर उसे जाते तो करीब 20 किलोमीटर चलने के बाद तिराहे पर आते, तो इस हिसाब से ये शॉर्टकट सही था।
वैसे तो ये 1 या 1.5 घण्टे का समय जो हमने यहाँ बिताया वो बेहद ही यादगार था मगर इस समय की वजह से जो हमारा आज का लक्ष्य था वो अब पूरा होना मुश्किल दिख रहा था। हमने अपना अगला स्टॉप लिया कोकसर पहुँच कर, वहाँ हमने खाना खाया और वहाँ पर एक बन्दे से मुलाकात हुई जी की शायद हंगरी से यहाँ घूमने आया था और अपने ग्रुप के लोगों की तबियत ख़राब होने के बाद अकेला ही आगे का सफर तय करने वाला था। कोकसर से निकलने के बाद हम तेज़ी से अपने अपने लक्ष्य का पीछा कर रहे थे जो की जिस्पा था। जिस्पा रुकने का आईडिया शशिकांत का था क्यूँकि वहाँ पहुँच कर उसके एयरटेल के फोन में सिग्नल आ जाएगा और हम सब लोग अपनी घरों में बात कर लेंगे।
रास्ते में कहीं।
अभी शाम के करीब 6 बजे थे हम लोग ज़िंग ज़ैंग बार के थोड़ा पीछे एक नाले में से बाइक निकाल रहे थे की अचानक से काले बादल घिर आये और अचानक से बारिश और ओले पड़ने लगे, मुझे बरसात अच्छी लगती है मगर यहाँ जो माहौल था उसमें बरसात एक दम डरावनी लग रही थी, पूरा आसमान एक दम काला था और जहाँ सूर्य देवता थी वहाँ हल्का सा उजाला दिख रहा था, हम सबके मन में एक ही ख्याल था की ऐसे में ओलों की मार से बचने के लिए कहाँ जाएंगे। खैर जैसे ही बाइक नाले से पार निकाली, जल्दी से बाइक स्टार्ट की और दौड़ना शुरू कर दी और अब हमारा लक्ष्य था अगली चाय की दुकान जो की थोड़ी दूर पर मिल गया वहाँ पर बाइक खड़ी की और पन्नी से सारे बैग ढँक दिए और उन पर पत्थर रख दिए ताकि पन्नी उड़ें न।
दुकान में घुसते ही चाय और बिस्कुट का आर्डर दे दिया और सबने एक एक रज़ाई पकड़ ली इस उम्मीद में की शायद आज रात यहीं बितानी पड़े। करीब एक घण्टे बाद बरसात बंद हुई तो मेरा आगे जाने का मन नहीं था मगर हमारे कमाण्डर शशिकान्त का आदेश हुआ तो न चाहते हुए अँधेरे में हम लोग आगे बढ़ने लगे और करीब 20 25 किलोमीटर आगे कुछ बन्दे सामने से आते दिखाई दिए तो हमने उन्हें रोक कर आगे के रास्ते का हाल पूछा तो पता लगा की आगे एक जगह रास्ता बंद है और वो लोग वहाँ 4 घंटे खड़े रहने के बाद बड़ी मुश्किल से निकल कर आये हैं तब जाकर शशिकान्त वापसी को माना और फिर हमें करीब 10 12 किलोमीटर वापिस आना पड़ा और जो सबसे पहला ढाबा जिसके यहाँ रुकने की व्यवस्था थी वहाँ रुकना हुआ।
अगले दिन सुबह 7 बजे फिर से आगे के सफर को तय करने के हिसाब से चल दिए और इस बार भी रास्ते में कई जगह बरसात ने हमारी यात्रा को रोका और सबसे ज्यादा खतरनाक आलम रोहतांग पर हुआ जहाँ हमें भयानक ठण्ड में भीगते हुए करीब 25 30 किलोमीटर बाइक 5 फ़ीट की विज़िबिलिटी में चालानी पड़ी, बीच में एक जगह अजीत हमसे अलग हो गया, बड़ी मुश्किल से उसे ढूँढ पाया और इस तरह ये सफर मनाली में जहाँ से हमने किराये पर बाइक ली थी वहाँ पहुँचकर ख़त्म हुआ। मगर हमने बाइक वापिस करने पहले मनाली के वो पराँठे फिर से खाये थे, उनका स्वाद जबान पर अभी भी है।
नॉएडा से लेह और लेह से वापसी के इस सफर को अब मैं यहीं ख़त्म करता हूँ और उम्मीद करता हूँ की आपको ये सफ़रनामा पसंद आया होगा, आपके कमैंट्स का इंतजार रहेगा।
खर्चे से सम्बंधित जानकारी:
इस यात्रा को मैंने अपनी खुद की बजाज V बाइक से किया था जो की 150 CC की है, जिसमें मैंने करीब 2200 किलोमीटर का सफर इस बाइक से किया था और बाइक ने करीब 48 - 50 किलोमीटर का एवरेज दिया था। इस हिसाब से कुल मिलाकर करीब 45 लीटर पेट्रोल जो की उस सा समय कुछ 3500 रु का पड़ा था।
मनाली में एक होटल में रुके थे जो की 500 रु / कमरे के हिसाब से लिया था।
रास्ते में जिस्पा में एक कैंप में रुके थे जो की 600 रु में 3 लोगों के लिए था और इसी दर से वापसी में भी एक जगह रुके थे।
लेह में एक होमस्टे में 700 रू / कमरे के हिसाब से 2 दिन के लिए कमरा लिया था।
7 दिन की इस यात्रा पर कुल मेरा खर्चा 10,000 के आसपास था जिसमें हमने कहीं कोई कंजूसी नहीं की थी।
फिर मिलेंगे कहीं किसी रोज़ घूमते फिरते।
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#floatingshoes
Location: Morey Plains to Leh
Published On: 24-Nov-2019
Location: Jispa, Himachal Pradesh to Morey Plains
Published On: 09-Nov-2019
Location: Rohtang Pass to Jispa
Published On: 22-Sep-2019
Location: Manali, Himachal Pradesh, India
Published On: 01-Sep-2019
Location: Ladakh
Published On: 25-Aug-2019
Location: Sri Aadi Badrinath Dham Road, Alipur, Rajasthan, India
Published On: 02-Jul-2019
Location: Agra, Uttar Pradesh, India
Published On: 24-May-2019
Location: Kalyasaur, Uttarakhand, India
Published On: 08-May-2019
Location: Dhokane Waterfall, Dhukane, Uttarakhand, India
Published On: 03-May-2019
Location: Rishikesh, Uttarakhand, India
Published On: 19-Apr-2019
Location: Indian Institute of Advanced Study, Shimla
Published On: 08-Apr-2019
Location: Army Heritage Museum, Annadale Rd, Annadale, Shimla, Himachal Pradesh 171003
Published On: 29-Mar-2019
Location: Mall Road, The Mall, Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 22-Mar-2019
Location: Jakhu, Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 17-Mar-2019
Location: Narkanda, Himachal Pradesh, India
Published On: 03-Mar-2019
Location: Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 28-Feb-2019
Location: Kalka, Himachal Pradesh, India
Published On: 23-Feb-2019
Location: Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 15-Feb-2019
Location: Ratangarh, Madhya Pradesh, India
Published On: 31-Jan-2019
Location: Tehri Dam, Uttarakhand, India
Published On: 27-Jan-2019
Location: Shri Mata Vaishno Devi Katra, Katra, Jammu and Kashmir
Published On: 24-Jan-2019
Location: ISKON NOIDA, Block A, Sector 32, Noida, Uttar Pradesh, India
Published On: 19-Jan-2019
Location: Kanatal, Kaudia Range, Uttarakhand, India
Published On: 15-Jan-2019
Location: Chitrakoot, Madhya Pradesh, India
Published On: 07-Jan-2019
Location: Bhojpur Temple, Bhojpur Road, Bhojpur, Madhya Pradesh, India
Published On: 28-Dec-2018
Location: Bhimbetka rock shelters
Published On: 22-Dec-2018
Location: Padavali, Madhya Pradesh, India
Published On: 13-Dec-2018
Location: Bateshwar Temple, near mitawali padawali banmore, Morena, Madhya Pradesh
Published On: 06-Dec-2018
Location: Shanichra Road, Maharajpura, Gwalior, Madhya Pradesh, India
Published On: 28-Nov-2018
Location: Almora, Uttarakhand, India
Published On: 25-Nov-2018
Location: Vriddha Jageshwar Rd, Digari Gunth, Uttarakhand 263623, India
Published On: 21-Nov-2018
Location: Jageshwar Dham, Uttarakhand, India
Published On: 17-Nov-2018
Location: Almora, Uttarakhand, India
Published On: 16-Nov-2018
Location: Sankua Bridge, Seondha, Madhya Pradesh, India
Published On: 08-Sep-2018
Location: Kurukshetra, Haryana, India
Published On: 03-Sep-2018
Location: Shri Mata Vaishno Devi Katra, Katra, Jammu and Kashmir
Published On: 30-Jul-2018
Location: Shri Mata Vaishno Devi Katra, Katra, Jammu and Kashmir
Published On: 30-Jul-2018
Location: Madhya Pradesh, India
Published On: 27-Jun-2018
Location: Rishikesh, Uttarakhand, India
Published On: 19-Jun-2018
Location: New Delhi, Delhi, India
Published On: 17-Jun-2018
Location: Kakanmath Shiv Temple, Bawadipura, Madhya Pradesh, India
Published On: 16-Jun-2018
Location: Sultangarh Waterfall Road, Patheka, Madhya Pradesh, India
Published On: 16-Jun-2018
Location: Mathura, Uttar Pradesh, India
Published On: 10-Jun-2018
Location: Ujjain, Madhya Pradesh, India
Published On: 09-Jun-2018
Location: Mathura, Uttar Pradesh, India
Published On: 07-Jun-2018
Location: Govardhan, Uttar Pradesh, India
Published On: 05-Jun-2018
Location: Pachmarhi, Madhya Pradesh, India
Published On: 26-May-2018
Location: Pachmarhi, Madhya Pradesh, India
Published On: 20-May-2018
Location: Behat, Gwalior, Madhya Pradesh, India
Published On: 06-May-2018
Location: Rishikesh, Uttarakhand, India
Published On: 03-May-2018
Location: Diu, Daman and Diu, India
Published On: 15-Apr-2018
Location: Diu, Daman and Diu, India
Published On: 11-Apr-2018
Location: Padhavali, Madhya Pradesh, India
Published On: 07-Apr-2018
Location: Padhavali, Madhya Pradesh, India
Published On: 01-Apr-2018
Location: Akshardham Temple, Pandav Nagar, Delhi
Published On: 31-Mar-2018
Location: Gwalior, Gwalior Fort, Gwalior, Madhya Pradesh, India
Published On: 07-Mar-2018
Location: Chopta, Uttarakhand, India
Published On: 17-Feb-2018
Location: Chopta, Uttarakhand, India
Published On: 11-Feb-2018
Location: Chopta, Uttarakhand, India
Published On: 03-Feb-2018
Location: Garhmukteshwar, Uttar Pradesh, India
Published On: 21-Jan-2018
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