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नैनीताल से जागेश्वर तक का सफर।
अगले दिन सुबह मैं 6 बजे उठ गया और अगले एक घण्टा मैंने वही बालकनी में हल्की आवाज़ में गाने सुनते हुए बिता दिया, नेहा अभी सो रही थी। 7 बजे चाय का आर्डर कर दिया और करीब 9 बजे के आसपास हम 2 लोग तैयार थे अपने अगले पड़ाव यानी "जागेश्वर धाम" की यात्रा पर जाने के लिए। इस यात्रा पर आने का मुख्य कारण तो जागेश्वर ही था, नैनीताल तो ऐसे ही आ गए थे। 9 बजे के आसपास होटल का हिसाब किताब करके जागेश्वर जाने के रास्ते का आईडिया लेकर बाइक चालू की और चल दिए इस यात्रा पर, मन में चल रहा था कि पता नहीं कैसी क्या जगह होगी!
जागेश्वर के रास्ते काफी सारी पड़ाव पड़ेंगे जैसे कि कैंची धाम, अल्मोड़ा, गोलू देवता मंदिर आदि, इन सब पर रुकना होगा या नहीं ये निर्भर करता है हमारी टाइमिंग पर, खैर कोशिश करेंगे सब जगह रुकते हुए आगे बढ़ने की। बस स्टैंड के बगल से जाने वाले रोड़ जो कि भोवली तक जाता है हमने उससे यात्रा शुरू की, रोड़ संकरी और ट्रैफिक काफी ज्यादा होने के कारण हम लोग काफी धीमी गति से आगे बढ़ रहे थे। रास्ता काफी खूबसूरत था तो सफ़र का मज़ा दुगना हो गया था।
अगला पड़ाव आया "कैंची धाम आश्रम", ये नीम करौली बाबा का आश्रम है जो कि पहाड़ों के बीचोंबीच स्थित है जो कि ऊँचाई से देखने पर कैंची की तरह दिखता है इसलिए इसका नाम कैंची धाम या कैंची आश्रम भी है। ये एक बेहद ही शान्त स्थान है, जहाँ पर आप आत्ममंथन या एकांत में कुछ समय बिता सकते हैं, शायद इसी कारण से दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों में से कुछ लोगों ने इस आश्रम में अपने जीवन का काफी समय यहाँ बिताया है। और फिर यहाँ से वापिस जाने के बाद इन सभी लोगों ने बड़े बड़े कीर्तिमान स्थापित किये हैं, ऐसे लोगों में प्रमुख है स्टीव जॉब्स (एप्पल संस्थापक), मार्क जुकरबर्ग (फ़ेसबुक संस्थापक) आदि।
कैंची धाम आश्रम।
बाइक वहीं साइड से पार्क की और प्रसाद ख़रीद कर आश्रम के अंदर चल दिए। मुख्य द्वार और आश्रम के द्वार के बीच एक नदी थी जिसमें ठीकठाक पानी था, कुछ देर वहाँ रुकने का मन हुआ। आसपास का माहौल देखकर आपको समझ आजाएगा की क्यों यहाँ दुनिया की महान हस्तियाँ आयी होंगी। हनुमानगढ़ की तरह यहाँ भी तस्वीर निकालना मना है तो मैंने पुल पार करके कैमरा बैग में रख लिया और आश्रम में दाखिल हुए, मुख्य द्वार के पास ही जूता घर मे जूते रख कर हाथ पैर धोये और अंदर चल दिए।
आश्रम के द्वार के सामने से बहती नदी का मनोरम दृश्य।
आश्रम में पहला मंदिर श्री कृष्ण और राधा जी का था, यहाँ बेहद सुंदर कीर्तन हो रहे थे तो मैं आगे कैसे चल देता। करीब 10 15 मिनट वही कीर्तन का आंनद लेने के बाद हम लोग आश्रम के अन्य मंदिरों के दर्शन को आगे बढ़ दिए। यहाँ के मंदिरों में एक अलग व्यवस्था देखने को मिल रही थी और वो थी हर एक मंदिर में मूर्ति के पास एक छोटा सी खटिया जो कि प्रभु के विश्राम के लिए लगाई गई थी।
सारे मंदिरों के दर्शन के बाद हमने वहाँ मौजूद एक पुजारी जी से प्रसाद का भोग लगवाया और वहाँ का प्रसाद जो कि चने थे वो लिया और वापिस चल दिए। करीब 11 बज चुके थे और अब बहुत ज़ोरों की भूख लग रही थी तो वहीं पास ही स्थित एक रेस्टोरेंट पर चाय पराँठे खाने के लिए बैठ गए, पीछे बहती नदी के पानी की आवाज़ कुछ सुकून सा दे रही थी।
रास्ते में पड़े मंदिर के पीछे बहती कोसी नदी।
पराँठे निपटाने के बाद फिर से बाइक पर सवार हुए और आगे बढ़ दिए, रास्ता अभी भी संकरा और ट्रैफिक वाला था तो बाइक की गति कम ही थी। भोवली आने से कुछ पहले एक मंदिर दिखा, आसपास का नज़ारा कुछ अच्छा सा लगा तो तुरन्त बाइक साइड से लगा दी। यही फायदा है बाइक से जाने का, आप अपने मन के मालिक होते हैं, जहाँ मन करें वहाँ पैर जमा लो।
यहाँ दर्शन करे और कुछ फोटो निकालने के बाद फिर से बाइक आगे लेकर चल दिए।
थोड़ा आगे चलने के बाद संकरी सी ये रोड़ अचानक से एक काफी चौड़े से हाईवे में तब्दील हो गयी। मैंने इस तरह का हाईवे उत्तराखंड के पहाड़ों में कहीं नहीं देखा था। समतल और इतनी चौड़ी रोड़ देखकर अचानक से गाड़ी हवा से बातें करने लगी, उस समय गाड़ी की स्पीड कुछ 70 के आसपास रही होगी, स्पीड मीटर तो बैग से ढका हुआ था मगर हैलमेट पर टकराने वाली हवा से मुझे इसका अंदाजा हो रहा था।
साइड मिरर में नेहा का चेहरा दिख रहा था, वो एक छोटे बच्चे की तरह इन नज़ारों में खोई हुई थी, ये नज़ारा ठीक वैसा था जैसे किसी छोटे बच्चे को पहली बार किसी यात्रा पर ले जाया गया हो और वो सब कुछ देखकर अचरज में हो। ऐसा नहीं था कि नेहा इसके पहले पहाड़ों में आई नहीं थी, आना तो कई बार हुआ था पर बाइक से आने का ये पहला मौका था और सबसे अच्छी बात ये थी उसे इस बार मोशन सिकनेस की दिक्कत से लड़ने के लिए कोई गोली नहीं खानी पड़ी थी और वो इस माहौल को जी रही थी। काश की मेरे पास कोई रिमोट होता जिससे मैं इस सफ़र को हमेशा के लिए यहीं रोक देता, मगर ऐसा नहीं था तो मैंने तय किया कि इस यात्रा में जहाँ नेहा कहेगी वहाँ रुकेंगे...
ये रास्ते मंज़िल से ज्यादा खूबसूरत हैं। एक बेहद ही खूबसूरत रास्ते पर मैं और नेहा।
थोड़ा आगे बढ़ने पर हाईवे के नजदीक कोसी नदी भी आ गयी और नेहा ने मुझे साइड से रुकने का इशारा किया, रुकते से ही नेहा ने मेरा मोबाइल अपने हाथ मे लिया और कैमेर को वीडियो मोड़ पर कर लिया और कुछ वीडियो बनाने लगी और उसके बाद में मैं नेहा के हिसाब से बाइक तेज़, धीरे करता रहा और वो वीडियो बनाती रही, उसके चेहरे की चमक देखने लायक थी, उसकी ख़ुशी देखकर मुझे लगा की अभी तक इस यात्रा पर जो भी खर्च हुआ था उससे कहीं ज्यादा वसूल हो गया था।
थोड़ा और आगे चलने पर ये रस्ता खत्म हो गया और उसके थोड़ी देर बाद हम लोग अल्मोड़ा पहुँच गए थे। अल्मोड़ा एक बड़ा शहर है जहाँ सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं, अल्मोड़ा से हम लोग जागेश्वर जाने वाली सड़क पर मुड़ गए, ये सड़क अल्मोड़ा शहर से होते हुए आगे बढ़ रही थी, रोड़ एक बार फिर से संकरे और चढ़ाई वाले हो गए थे। एक जगह रुककर बाइक की हवा चेक कराई और फिर से सफ़र जारी कर दिया।
अब फिर से हमारी स्पीड कम हो गयी थी और उसके 2 कारण थे एक तो संकरा रास्ता और हमारे पास समय की कोई कमी नहीं थी। ये रोड़ भी बेहद खूबसूरत था, मगर इस पर चढ़ाई बढ़ने लगी थी तो अब मैं थोड़ा देख कर बाइक चला रहा था और नेहा आसपास के नज़ारों में व्यस्त थी।
ऊँचाई इतनी ज्यादा नहीं थी मगर फिर भी अब हमें इस रोड़ पर हरे भरे घास के मैदान दिखने लगे थे, इन्हें बुग्याल तो नहीं कह सकते पर ये बेहद खूबसूरत थे। थोड़ा आगे बढ़ने पर एक मंदिर दिखा जिसके बोर्ड पर लिखा था "पहाड़ों के न्याय के देवता डाना गोलू देवता मंदिर", हमने तुरंत बाइक वहाँ रोक दी। मुझे लगा ये वही गोलू देवता मंदिर है जिसका जिक्र कई जगह होता है, खैर ये बात बाद में मालूम चली की वो "चितई गोलू देवता मंदिर" है जो हम यहाँ आने के रास्ते मे छोड़कर आगे बढ़ गए थे। ख़ैर जो भी हो यहाँ रुकना बनता था और इसका कारण था यहाँ के आसपास का माहौल, ऊँचे ऊँचे देवदार और चीड़ के वृक्ष, हरे भरे घास के मैदान आदि। अन्धे को और क्या चाहिए, दो नैन और वो दो नैन हमें यहाँ मिल गए थे।
दीपावली नजदीक थी इस वजह से मंदिर में पुताई का कार्य चल रहा था, गोलू देवता पर मनोकामना पूरी होने पर घण्टे चढ़ाने का रिवाज़ है इस वजह से मंदिर में हर तरफ घंटियाँ दिख रही थीं। मंदिर के दर्शन करने के बाद मैं कुछ देर वहीं सामने हरे घास के मैदान पर शीर्षासन करने का प्रयास करने लगा, 5 6 बार की कोशिश के बाद में सफल हुआ। थोड़ी देर यहाँ रुकने के बाद हम लोग फिर से आगे बढ़ दिए और रास्ते में एक जगह एक छोटा सा पेट्रोल पंप दिखा जहाँ बाइक को थोड़ा भोजन कराया और हम लोगों ने भी वहाँ उपलब्ध एक दुकान पर चाय पी, सुबह खाए पराँठे अभी भी हिम्मत दे रहे थे, खाना जागेश्वर पहुँच कर ही खाएँगे ऐसा निर्णय करके आगे बढ़ दिए।
अब रुकना हुआ एक तिराहे पर जहाँ बोर्ड लगा था जागेश्वर के लिए सीधे, "वृद्ध जागेश्वर" के लिए बाएं मुडें, दूरी 8 किलोमीटर। वृद्ध जागेश्वर के बारे में थोड़ा बहुत कहीं पढ़ रखा था तो मन हुआ की यहाँ भी होकर आया जाए और वैसे भी समय की कमी नहीं थी तो हमने बाइक तुरंत वृद्ध जागेश्वर जाने वाले रास्ते पर मोड़ दी। ये रास्ता काफी संकरा और थोड़ी ख़राब स्थिति में था, मैंने बाइक की स्पीड थोड़ी कम कर ली, पहाड़ों के पीछे होने की वजह से यहाँ रोड़ पर रौशनी थोड़ी कम थी। करीब 1 किलोमीटर तक अंदर जाने के बाद मुझे लगा की इस रास्ते पर बाइक के पंचर होने की प्रबल स्थिति है, एक तो बाइक पर हम 2 लोग, ऊपर से काफी सारा सामान और रास्ता भी लगभग कच्चा, न चाहते हुए भी मैंने वापसी का निर्णय लिया और हम लोग एक बार फिर से जागेश्वर जाने वाले रोड पर आ गये। यहाँ से जागेश्वर कुछ 10 12 किलोमीटर पर था, समय भी ज्यादा नहीं हुआ था तो शायद हम लोग "बागेश्वर" भी जा सकते हैं ऐसा सोचकर आगे बढ़ दिए। थोड़ा और आगे बढ़ने पर एक गाँव पड़ा बस उसी गाँव से एक रोड़ सीधा और एक रोड बाएं मुड़ रहा था, ये बाएं जाने वाला रोड़ हमारी मंज़िल थी, यहाँ से जागेश्वर की दूरी कुछ 3 किलोमीटर थी।
उस रोड़ पर मुड़ते से ही एक बहुत ही गज़ब होटल नुमा कुछ दिखा जो की बेहद खूबसूरत था, और उसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा रहा था आसपास का प्राकृतिक माहौल। यहाँ हरे घास के मैदानों की संख्या और बढ़ गयी थी या यूँ कहूँ की अब रोड़ के दोनों तरफ सिर्फ हरे घास के मैदान ही थे जो की इस रोड़ को बेहद खूबसूरत बना रहे थे। थोड़ा आगे बढ़ने पर ऐसा लग रहा था हम इस दुनिया से अलग किसी दुनिया में प्रवेश कर रहे थे जहाँ का माहौल एक दम अलग था, रोड़ के बगल से एक नदी भी हमारे स्वागत करने के लिए प्रकट हो गयी थी और थोड़ा आगे जाने पर हरियाली की वजह से धुप अब न के बराबर दिखने लगी थी।
थोड़ा और आगे बढ़ने पर जो दिखा उस पर मैं पहली बार विश्वास ही नहीं कर पाया की ये सपना है या हकीकत, मैंने पीछे मुड़कर नेहा की तरफ देखा तो उसकी भी हालत कुछ ऐसी ही थी, फिर मैंने झुककर बाइक का इंजन जो की काफी गरम था उस पर एक हाथ मारा तो एहसास हुआ की हम लोग किसी सपने में नहीं हकीकत में ही थे। हमारे सामने एक बेहद ही विशालकाय शिव मंदिर था, जिसकी बनावट काफी हद तक चोपता स्थित तुंगनाथ मंदिर की तरह थी, मेरी हालत उस समय ठीक वैसी थी जैसे मैंने पहली बार तुंगनाथ मंदिर के दर्शन किये थे या मितावली, पढ़ावली में जो देखा था ठीक वैसा।
फिर मेरी निगाह वहाँ लगे बोर्ड पर गयी जिस पर मंदिर का नाम लिखा था, नाम था "डंडेश्वर महादेव" मंदिर, ये मंदिर का प्रथम दीदार कुछ इस तरह था की अगर कोई मुझे यहाँ ये कह देता की यहाँ जागेश्वर में सिर्फ यही मंदिर है और कुछ नहीं है तो भी मुझे मेरा यहाँ आना सार्थक लगता, परन्तु आगे तो ऐसे 125 के करीब मंदिर हैं ये सुनकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए। हम लोगों ने बाहर से ही शिवजी को प्रणाम करा और जागेश्वर पहुँच कर कहीं होटल में सामान रख कर यहाँ वापिस आने आने का मन बनाया और एक बार फिर से बाइक चालू की और आगे बढ़ दिए, अब मेरे मन में कहीं बहुत जोरों की आवाज में शिव स्तुति बज रही थी।
डंडेश्वर महादेव मंदिर दर्शन।
इस यात्रा पर यहीं विराम लगते हैं, अगले भाग में आपको जागेश्वर मंदिर समूह के दर्शन करवाऊँगा तब तक मेरी अन्य यात्राओं की कहानी पढ़ते रहिये।
इस यात्रा के बाकि भाग यहाँ उपलब्ध हैं: दूसरा, तीसरा, चौथा।
फिर मिलेंगे कहीं किसी रोज़ घूमते फिरते।
#MP_ka_blogger
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Location: Morey Plains to Leh
Published On: 24-Nov-2019
Location: Jispa, Himachal Pradesh to Morey Plains
Published On: 09-Nov-2019
Location: Rohtang Pass to Jispa
Published On: 22-Sep-2019
Location: Manali, Himachal Pradesh, India
Published On: 01-Sep-2019
Location: Ladakh
Published On: 25-Aug-2019
Location: Sri Aadi Badrinath Dham Road, Alipur, Rajasthan, India
Published On: 02-Jul-2019
Location: Agra, Uttar Pradesh, India
Published On: 24-May-2019
Location: Kalyasaur, Uttarakhand, India
Published On: 08-May-2019
Location: Dhokane Waterfall, Dhukane, Uttarakhand, India
Published On: 03-May-2019
Location: Rishikesh, Uttarakhand, India
Published On: 19-Apr-2019
Location: Indian Institute of Advanced Study, Shimla
Published On: 08-Apr-2019
Location: Army Heritage Museum, Annadale Rd, Annadale, Shimla, Himachal Pradesh 171003
Published On: 29-Mar-2019
Location: Mall Road, The Mall, Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 22-Mar-2019
Location: Jakhu, Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 17-Mar-2019
Location: Narkanda, Himachal Pradesh, India
Published On: 03-Mar-2019
Location: Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 28-Feb-2019
Location: Kalka, Himachal Pradesh, India
Published On: 23-Feb-2019
Location: Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 15-Feb-2019
Location: Ratangarh, Madhya Pradesh, India
Published On: 31-Jan-2019
Location: Tehri Dam, Uttarakhand, India
Published On: 27-Jan-2019
Location: Shri Mata Vaishno Devi Katra, Katra, Jammu and Kashmir
Published On: 24-Jan-2019
Location: ISKON NOIDA, Block A, Sector 32, Noida, Uttar Pradesh, India
Published On: 19-Jan-2019
Location: Kanatal, Kaudia Range, Uttarakhand, India
Published On: 15-Jan-2019
Location: Chitrakoot, Madhya Pradesh, India
Published On: 07-Jan-2019
Location: Bhojpur Temple, Bhojpur Road, Bhojpur, Madhya Pradesh, India
Published On: 28-Dec-2018
Location: Bhimbetka rock shelters
Published On: 22-Dec-2018
Location: Padavali, Madhya Pradesh, India
Published On: 13-Dec-2018
Location: Bateshwar Temple, near mitawali padawali banmore, Morena, Madhya Pradesh
Published On: 06-Dec-2018
Location: Shanichra Road, Maharajpura, Gwalior, Madhya Pradesh, India
Published On: 28-Nov-2018
Location: Almora, Uttarakhand, India
Published On: 25-Nov-2018
Location: Vriddha Jageshwar Rd, Digari Gunth, Uttarakhand 263623, India
Published On: 21-Nov-2018
Location: Jageshwar Dham, Uttarakhand, India
Published On: 17-Nov-2018
Location: Almora, Uttarakhand, India
Published On: 16-Nov-2018
Location: Sankua Bridge, Seondha, Madhya Pradesh, India
Published On: 08-Sep-2018
Location: Kurukshetra, Haryana, India
Published On: 03-Sep-2018
Location: Shri Mata Vaishno Devi Katra, Katra, Jammu and Kashmir
Published On: 30-Jul-2018
Location: Shri Mata Vaishno Devi Katra, Katra, Jammu and Kashmir
Published On: 30-Jul-2018
Location: Madhya Pradesh, India
Published On: 27-Jun-2018
Location: Rishikesh, Uttarakhand, India
Published On: 19-Jun-2018
Location: New Delhi, Delhi, India
Published On: 17-Jun-2018
Location: Kakanmath Shiv Temple, Bawadipura, Madhya Pradesh, India
Published On: 16-Jun-2018
Location: Sultangarh Waterfall Road, Patheka, Madhya Pradesh, India
Published On: 16-Jun-2018
Location: Mathura, Uttar Pradesh, India
Published On: 10-Jun-2018
Location: Ujjain, Madhya Pradesh, India
Published On: 09-Jun-2018
Location: Mathura, Uttar Pradesh, India
Published On: 07-Jun-2018
Location: Govardhan, Uttar Pradesh, India
Published On: 05-Jun-2018
Location: Pachmarhi, Madhya Pradesh, India
Published On: 26-May-2018
Location: Pachmarhi, Madhya Pradesh, India
Published On: 20-May-2018
Location: Behat, Gwalior, Madhya Pradesh, India
Published On: 06-May-2018
Location: Rishikesh, Uttarakhand, India
Published On: 03-May-2018
Location: Diu, Daman and Diu, India
Published On: 15-Apr-2018
Location: Diu, Daman and Diu, India
Published On: 11-Apr-2018
Location: Padhavali, Madhya Pradesh, India
Published On: 07-Apr-2018
Location: Padhavali, Madhya Pradesh, India
Published On: 01-Apr-2018
Location: Akshardham Temple, Pandav Nagar, Delhi
Published On: 31-Mar-2018
Location: Gwalior, Gwalior Fort, Gwalior, Madhya Pradesh, India
Published On: 07-Mar-2018
Location: Chopta, Uttarakhand, India
Published On: 17-Feb-2018
Location: Chopta, Uttarakhand, India
Published On: 11-Feb-2018
Location: Chopta, Uttarakhand, India
Published On: 03-Feb-2018
Location: Garhmukteshwar, Uttar Pradesh, India
Published On: 21-Jan-2018
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