उमेश भाई की कृपा से मैं एक घुमक्कड़ ग्रुप का एडमिन हूँ, वही उमेश जिनके कहने पर मैं चोपता तुँगनाथ के दर्शन करके आया था और वहाँ से आने के बाद मैं अपने साथ उमेश को कई बार गोवर्धन की परिक्रमा के लिए साथ ले का चूका हूँ। घुमक्कड़ों को घुमक्कड़ दोस्त मिल ही जाते हैं उमेश और मेरी दोस्ती ठीक वैसी ही है। अच्छा एक बात और एक घुमक्कड़ का कोई दोस्त दूसरे घुमक्कड़ का भी दोस्त होता है, ये बात लागू होती है अनित कुमार पर, अनित को मैं उमेश के माध्यम से जनता हूँ और अब ये घुमक्कड़ भी मेरा अच्छा दोस्त है। हम लोगों अक्सर मिलना तो नहीं हो पता मगर व्हाट्सप्प वगैरा के माध्यम से रोज़ाना बातचीत होती रहती है। हम लोगों का बहुत मन था की कहीं एक जगह काफी सारे घुम्मक्कड़ों का जमावड़ा लगे, सब अपनी अपनी यात्राओं की कहानिओं के बड़े बड़े सूटकेस लेकर वहाँ पहुंचे और घंटों सबसे कहीं बैठकर बातचीत हो।
पर इसमें सबसे बड़ी समस्या ये है की हम सभी अपने निजी जीवनों में कहीं न कहीं फँसे हुए हैं, ऐसे में बड़ा मुश्किल होता है समय निकाल पाना, और सबसे बड़ी बात है इतने सारे लोग एक साथ समय निकाल कर एक जगह एकत्रित होना। फिर भी उमेश भाई ने एक कोशिश की, मौका था ग्रुप के एक साल पूरे होने का। उमेश ने ग्रुप में एक पोस्ट कर दिया जिसमें दिल्ली की काफी सारी जगहों के नाम थे और सबसे उनकी राय माँगी गयी की कौन कौन आना चाहता है और सबसे उपयुक्त स्थान कौन सा होगा। मुझे, उमेश, अनित को ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद नहीं थीं, हम 3 लोगों को लग रहा था की वही 5 6 लोग आएंगे तो कहीं भी एक आद घण्टे बैठकर बातचीत कर लेंगे और ऐसा सोचने के पीछे कारण था गर्मी का मौसम, ऐसी गर्मी में छुट्टी के दिन कोई भी अपने घर से बहार निकलना नहीं चाहता है।
खैर दिन गुज़रते गए और मीटिंग के 2 दिन पहले उमेश ने फेसबुक पर एक पोस्ट की और जो लोग मीटिंग में आने के इच्छुक थे उनसे नंबर मांगे ताकि एक व्हाट्सप्प ग्रुप बनाया जा सकते जिसमें मीटिंग से जुड़ी जानकारी सबके साथ साझा की जा सके। कुछ 8 से 10 लोग ग्रुप में जुड़ गए, अभी एक दिन बाकि था मीटिंग में हम लोग अपना हिसाब किताब लगा रहे थे की इनमे से ज्यादा से ज्यादा 6 से 8 लोग आएँगे क्यूंकि गर्मी बहुत ज्यादा पड़ रही थी। खैर हम सबने अपने स्तर पर लोगों को जोड़ने का प्रयास जारी रखा और आखिरकार मीटिंग का दिन आ ही गया।
मीटिंग वाले दिन में सुबह जल्दी उठकर तैयार हो गया, गर्मी बहुत ज्यादा थी तो मैंने नाश्ते में सत्तू घोलकर पी लिया और उठायी बाइक और चल दिया मीटिंग स्थल की तरफ जो की दिल्ली स्थित हुमायूँ का मकबरा था। मेरे घर से हुमायूँ का मकबरा कुछ 27 किलोमीटर एक तरफ से था, डीएनडी फ्लाई वे से होते हुए में करीब पौन घंटे में मैं पार्किंग में बाइक लगा कर हुमायूँ के मकबरे के प्रवेश द्वार पर खड़ा हो गया। मुझे उम्मीद थी की सबसे पहले मैं ही आया हूँ तो मैंने बाकि साथी कहाँ हैं ये जानकारी लेने के लिए व्हाट्सप्प ग्रुप में एक पोस्ट कर दिया, पोस्ट किये एक मिनट भी नहीं हुआ था की मेरे पास एक नए नंबर से फोन आया की मैं कहा हूँ? सामने लाइन पर विद्युत् मौर्य जी थे, वो मुझसे पहले आ चुके थे और टिकट घर पर खड़े बाकि लोगों का इंतज़ार कर रहे थे।
हुमायूँ का मकबरा कैसे जाएं:
हुमायूँ मकबरा या निजामुद्दीन दरगाह जाने के लिए पिंक लाइन के आश्रम चौक मेट्रो स्टेशन पर उतरें। वहाँ से हर मिनट पर बस मिलती है, 5 रुपये का टिकट लेकर निजामुद्दीन थाना, नीला गुंबद के पास उतर जाएं।
मीटिंग में शामिल हुए लोगों के नाम:
उमेश, अनित, माधव कुमार, डॉ शुभाष शल्य, नरेंद्र चौधरी, राजीव कुमार, सरयू प्रसाद मिश्रा, विद्युत् मौर्य, यशवंत सिंह, गौतम गुहा, विकाश सुभाष हिंदुस्तानी, हरिवेश आर्य, महेश कटारिया, तारकेश्वर गिरी, कुणाल डबास, सुशील पाल, आदेश प्रताप आदि।
पूरे ग्रुप की तस्वीर जिसमें डॉ साहब अपनी तोप के साथ खड़े हैं।
तभी मेरा फोन बजने लगा, देखा तो उमेश का फोन था, उमेश ने बताया की वो लोग एंट्री करके मकबरे के अंदर मुख्य ईमारत के पास हैं और हमें भी वहीं आने को कहा, मैं और मौर्या जी साथ चल दिए। मौर्या जी से पिछली मीटिंग में भी मुलाकात हुई थी, मैं इनकी घुमक्कड़ी और उससे सम्बन्धित जानकारी का कायल हूँ, ये लक्ष्यद्वीप छोड़कर पूरा भारत नाप चुके हैं, इनसे आप किसी भी राज्य के किसी भी शहर के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
एक प्राचीन सा द्वार।
मौर्या जी मुझे इस मकबरे से सम्बंधित जानकारी इस बताते जा रहे थे और मैं उनकी हर एक बात को ध्यान से सुन रहा था, जो जानकारी मुझे इनसे मिल रही थी वो शायद कोई गाइड भी न दे पाए। बातें करते हुए हम उमेश के पास पहुँच गए, यहाँ उमेश के साथ 4 5 लोग और भी मौजूद थे, सबसे मिलना जुलना हुआ और फिर बातों के आदान प्रदान का सिलसिला शुरू हुआ। मौर्या जी अब हम सबको जानकारी दे रहे थे, उनकी जानकारी इतनी जबरदस्त थी की वहाँ से निकलने वाले काफी सारे लोग वहाँ रूककर उनकी बातें सुनने लगे और अपने प्रश्न भी उनसे पूछने लगे, कुल मिलकर बहुत अच्छा माहौल था।
उमेश के पास अगला फोन आया अनित का, उसको आज ऑफिस जाना था वो सिर्फ आधे घंटे के लिए यहाँ आ पाएगा, बेचारा मंगल वासी। उमेश के पास अगला फोन आया हड्डी रोग विशेषज्ञ श्री सुभाष शल्य जी का, इनको डॉक्टर और घुमक्कड़ कहना ठीक होगा, ये उन मस्त मौला लोगों में से हैं जो ज़िन्दगी अपने अंदाज़ में जीते हैं लोगों की परवाह किये बगैर। इस मीटिंग की शुरुआत से शल्य जी अपने स्तर पर लोगों को मीटिंग में आने के लिए बोल चुके थे और हमें भी लगातार प्रोत्साहित कर रहे थे की मीटिंग में ज्यादा से ज्यादा लोग आएं, फोन काटने के बाद उमेश ने बताया की शल्य जी अपने दोस्तों के साथ नास्ते का सामान लेकर गेट पर आ चुके हैं और हम सबको वहीं बुला रहे हैं।
डॉक्टर साहब ने गेट पर पता किया तो वहाँ मौजूद कर्मचारियों ने खाने पीने का सामान अंदर लेकर जाने के लिए मना कर दिया इस वजह से डॉक्टर साहब ने हम सबको गेट पर ही बुला लिया था। गेट पर लगी जाली के इस पर हम थे और उस पार डॉक्टर साहब अपनी पूरी टोली के साथ, सबके परिचय हुआ और उसके बाद डॉक्टर साहब और नरेंद्र चौधरी जी (पीली सरसों के तेल वाले) जो की डॉक्टर साहब के खास मित्र हैं उन्होंने नाश्ता वितरण शुरू कर दिया। नाश्ते में ब्रेड पकोड़ा, केले और मीठे में चमचम उपलब्ध था, सबने मजे से नाश्ता किया और सारा कचरा कूड़े दान में डालने के बाद डॉक्टर साहब अपनी टोली के साथ गेट से अंदर आये और हम सब एक साथ मकबरे के अंदर चल दिए।
इतिहास के दौर से।
एक खूबसूरत सा गलियारा।
डॉक्टर साहब के साथ उनके एक घुमक्कड़ मित्र आये थे जिनका नाम है सरयू प्रसाद मिश्रा जी, वो धोती कुर्ता में थे और पूरे समूह में अलग ही नज़र आ रहे थे। जैसे ही हम एंट्री गेट से आगे बढे मिश्रा जी ने गाइड की भूमिका ले ली है और इस जगह के एक एक पत्थर और एक एक मीनार के बारे में हमें जानकारी देने लगे, जो जानकारी वो हमें दे रहे थे इस तरह की जानकारी सिर्फ माझे हुए गाइड जो बरसों से एक ही जगह के बारे में बताते रहते हैं सिर्फ उनको होती है। सभी के मन में एक ही प्रश्न था की आखिर मिश्रा जी को ये ज्ञान मिला कहा से? मिश्रा जी ने बताया की अपने स्कुल के दिनों में वो स्काउट गाइड की ट्रेनिंग लेने यहीं पास के एक संस्थान में ट्रेन आया करते थे, अक्सर ट्रेन जल्दी आ जाती थी तो वो उस समय में यहाँ घूमने आ जाते थे और जो गाइड लोग विदेशी टूरिस्टों को यहाँ के बारे में बताते थे वो सुनते रहते थे और उन्हें तब से ये सब मुँहजबानी याद है।
बेहद पुरानी ऐतिहासिक इमारतें।
मिश्रा जी जानकारी देते जा रहे थे और हम सब उन्हें सुनते हुए एक जगह से दूसरी जगह बढ़ते जा रहे थे, गज़ब के जानकर है मिश्रा जी, उनकी ज्ञान गँगा में बहते हुए किसी को भी समय का पता नहीं चला और 8 से 11 की मीटिंग कब 11 से आगे भी चलती रही किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। इन सब के बीच डॉक्टर साहब अपने टॉप वाले हाई एन्ड कैमरा से सबकी तस्वीरें निकलते जा रहे थे और साथ ही उन्होंने ग्रुप की भी काफी सारी तस्वीरें भी निकलीं, इसके अलावा बाकि लोग भी अपने कैमरे और मोबाइल से तस्वीरें लेने में पीछे नहीं थे।
डॉ साहब के आदेश पर लोगों ने एक तस्वीर यहाँ निकलवाई।
धीरे धीरे हम लोग मकबरे के प्रत्येक हिस्से को देखते हुए और मिश्रा जी से उनसके बारे में जानते हुए मकबरे की मुख्य ईमारत के करीब पहुँच गए थे, सूरज एक दम सर पर था तो सोचा थोड़ी देर कहीं छाया में बैठा जाये और इसी सोच के साथ सब लोग एक बड़े से पेड़ के नीचे लगी बैंचों पर बैठ गए। यहाँ से आगे की कमान संभाली डॉक्टर साहब ने, उन्होंने ने बारी बारी से मीटिंग में आये प्रत्येक मेंबर को अपना परिचय देने को कहा और इससे हमें मालूम पड़ा की हम लोग घुमक्क्ड़ी की दुनिया में कितने पानी में हैं। इस मीटिंग में मौर्या जी, राजीव जी और ऐसे कई धुरंधर भी आये थे जो पूरा भारत नाप चुके हैं और कुछ शहर तो कई बार नाप चुके हैं, धन्य है ये लोग।
और अंत में मकबरे की एक तस्वीर।
घुमक्कड़ी से सम्बंधित अनेकों बातें हमें एक दूसरे के माध्यम से पता लगी और हम सिर्फ इसी वजह से यहाँ एकत्रित हुए थे, एक सच्चे घुमक्कड़ का कोई दायरा नहीं होते, वो आज़ाद होता है दुनिया के तमाम बंधनों से, उसे तलाश होती है ऐसे रास्तों की जिस पर कम लोग चलते हैं, वो मिलना चाहता है अपने ही जैसे घुमक्कड़ों से जिसको वो अपने घुमक्कड़ी के किस्से सुना सके और उसके सुन सके। और यही सब कुछ इस मीटिंग में हो रहा था, यहाँ आये लोग फेसबुक की दुनिया में हमारी तरह अनेकों ग्रुप से जुड़े हुए हैं पर हम सभी सबसे पहले घुमक्कड़ हैं, कहीं भी जाने के लिए आज़ाद हैं। यहाँ बातों बातों में घुमक्कड़ और पर्यटक के बीच के अंतर पर भी बातचीत हुई और सभी ने अपने विचर रखे, कुल मिलाकर ये इस मीटिंग का सबसे अच्छा हिस्सा था। ये बातें यूँ तो कभी ख़त्म न होतीं मगर कुछ लोगों को अन्य कामों से कहीं जाना था तो मीटिंग को वहीं पर विराम लगाया गया, सब एक दूसरे से मिले और फिर सबको अलविदा कहकर एंट्री गेट की तरफ चल दिए।
एंट्री गेट पर पहुँचकर सबने एक दूसरे से वापसी की आज्ञा ली, इसी बीच चौधरी जी गुड़ का डिब्बा लेकर सामने आ गए और जाते जाते सबका मुँह उनके यहाँ के बने गुड़ से मीठा हुआ, चौधरी जी पीली सरसों के तेल के अलावा अपने गुड़ के लिए प्रसिद्ध हैं। गुड़ की मिठास के साथ हमने सबसे विदा ली और जल्द आगे कभी ऐसे ही किसी जगह मिलने के वादे के साथ अपने अपने घरों को चल दिए।
फिर मिलेंगे कहीं किसी रोज़ घूमते फिरते।
#MP_ka_blogger
#floatingshoes
Location: Rishikesh, Uttarakhand, India
Published On: 16-Mar-2021
Location: Morey Plains to Leh
Published On: 24-Nov-2019
Location: Jispa, Himachal Pradesh to Morey Plains
Published On: 09-Nov-2019
Location: Rohtang Pass to Jispa
Published On: 22-Sep-2019
Location: Manali, Himachal Pradesh, India
Published On: 01-Sep-2019
Location: Ladakh
Published On: 25-Aug-2019
Location: Sri Aadi Badrinath Dham Road, Alipur, Rajasthan, India
Published On: 02-Jul-2019
Location: Agra, Uttar Pradesh, India
Published On: 24-May-2019
Location: Kalyasaur, Uttarakhand, India
Published On: 08-May-2019
Location: Dhokane Waterfall, Dhukane, Uttarakhand, India
Published On: 03-May-2019
Location: Rishikesh, Uttarakhand, India
Published On: 19-Apr-2019
Location: Indian Institute of Advanced Study, Shimla
Published On: 08-Apr-2019
Location: Army Heritage Museum, Annadale Rd, Annadale, Shimla, Himachal Pradesh 171003
Published On: 29-Mar-2019
Location: Mall Road, The Mall, Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 22-Mar-2019
Location: Jakhu, Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 17-Mar-2019
Location: Narkanda, Himachal Pradesh, India
Published On: 03-Mar-2019
Location: Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 28-Feb-2019
Location: Kalka, Himachal Pradesh, India
Published On: 23-Feb-2019
Location: Shimla, Himachal Pradesh, India
Published On: 15-Feb-2019
Location: Ratangarh, Madhya Pradesh, India
Published On: 31-Jan-2019
Location: Tehri Dam, Uttarakhand, India
Published On: 27-Jan-2019
Location: Shri Mata Vaishno Devi Katra, Katra, Jammu and Kashmir
Published On: 24-Jan-2019
Location: ISKON NOIDA, Block A, Sector 32, Noida, Uttar Pradesh, India
Published On: 19-Jan-2019
Location: Kanatal, Kaudia Range, Uttarakhand, India
Published On: 15-Jan-2019
Location: Chitrakoot, Madhya Pradesh, India
Published On: 07-Jan-2019
Location: Bhojpur Temple, Bhojpur Road, Bhojpur, Madhya Pradesh, India
Published On: 28-Dec-2018
Location: Bhimbetka rock shelters
Published On: 22-Dec-2018
Location: Padavali, Madhya Pradesh, India
Published On: 13-Dec-2018
Location: Bateshwar Temple, near mitawali padawali banmore, Morena, Madhya Pradesh
Published On: 06-Dec-2018
Location: Shanichra Road, Maharajpura, Gwalior, Madhya Pradesh, India
Published On: 28-Nov-2018
Location: Almora, Uttarakhand, India
Published On: 25-Nov-2018
Location: Vriddha Jageshwar Rd, Digari Gunth, Uttarakhand 263623, India
Published On: 21-Nov-2018
Location: Jageshwar Dham, Uttarakhand, India
Published On: 17-Nov-2018
Location: Almora, Uttarakhand, India
Published On: 16-Nov-2018
Location: Sankua Bridge, Seondha, Madhya Pradesh, India
Published On: 08-Sep-2018
Location: Kurukshetra, Haryana, India
Published On: 03-Sep-2018
Location: Shri Mata Vaishno Devi Katra, Katra, Jammu and Kashmir
Published On: 30-Jul-2018
Location: Shri Mata Vaishno Devi Katra, Katra, Jammu and Kashmir
Published On: 30-Jul-2018
Location: Madhya Pradesh, India
Published On: 27-Jun-2018
Location: Rishikesh, Uttarakhand, India
Published On: 19-Jun-2018
Location: New Delhi, Delhi, India
Published On: 17-Jun-2018
Location: Kakanmath Shiv Temple, Bawadipura, Madhya Pradesh, India
Published On: 16-Jun-2018
Location: Sultangarh Waterfall Road, Patheka, Madhya Pradesh, India
Published On: 16-Jun-2018
Location: Mathura, Uttar Pradesh, India
Published On: 10-Jun-2018
Location: Ujjain, Madhya Pradesh, India
Published On: 09-Jun-2018
Location: Mathura, Uttar Pradesh, India
Published On: 07-Jun-2018
Location: Govardhan, Uttar Pradesh, India
Published On: 05-Jun-2018
Location: Pachmarhi, Madhya Pradesh, India
Published On: 26-May-2018
Location: Pachmarhi, Madhya Pradesh, India
Published On: 20-May-2018
Location: Behat, Gwalior, Madhya Pradesh, India
Published On: 06-May-2018
Location: Rishikesh, Uttarakhand, India
Published On: 03-May-2018
Location: Diu, Daman and Diu, India
Published On: 15-Apr-2018
Location: Diu, Daman and Diu, India
Published On: 11-Apr-2018
Location: Padhavali, Madhya Pradesh, India
Published On: 07-Apr-2018
Location: Padhavali, Madhya Pradesh, India
Published On: 01-Apr-2018
Location: Akshardham Temple, Pandav Nagar, Delhi
Published On: 31-Mar-2018
Location: Gwalior, Gwalior Fort, Gwalior, Madhya Pradesh, India
Published On: 07-Mar-2018
Location: Chopta, Uttarakhand, India
Published On: 17-Feb-2018
Location: Chopta, Uttarakhand, India
Published On: 11-Feb-2018
Location: Chopta, Uttarakhand, India
Published On: 03-Feb-2018
Location: Garhmukteshwar, Uttar Pradesh, India
Published On: 21-Jan-2018
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